केरल हाईकोर्ट ने मंगलवार को सीपीआई (एम) के इडुक्की जिला सचिव को पहाड़ी जिले में वाम दल के कार्यालय के निर्माण से संबंधित मामले के संबंध में जिला कलेक्टर या न्याय मित्र के खिलाफ कोई भी सार्वजनिक बयान देने से परहेज करने का निर्देश दिया।
अदालत ने कहा कि न्याय मित्र और कलेक्टर अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं और यदि पक्ष या उसके सचिव को कुछ कहना है, तो वे सीधे उससे संपर्क कर सकते हैं।
अदालत ने सत्तारूढ़ दल के इडुक्की जिला सचिव सीवी वर्गीस से अधिकारियों के खिलाफ कोई बयान जारी नहीं करने को कहते हुए मौखिक टिप्पणी की।
22 अगस्त को, हाईकोर्ट ने इडुक्की के उडुंबनचोला, बाइसन घाटी और संथानपारा क्षेत्रों में सीपीआई (एम) पार्टी कार्यालयों के निर्माण कार्य को रोकने का आदेश दिया था।
अदालत ने वहां चल रहे निर्माण कार्य की मीडिया रिपोर्टों के बाद मामले को फिर से उठाया और पाया कि उसके आदेश को लागू नहीं किया गया था क्योंकि इसकी प्रति जिला प्रशासन को नहीं मिली थी।
इसके बाद इसने जिला कलेक्टर को निर्माण रोकने और यदि आवश्यक हो तो पुलिस सुरक्षा मांगने का निर्देश दिया।
अदालत के निर्देश इडुक्की जिले के देवीकुलम, उदुंबंचोला और पीरुमेदु तालुकों में सभी भूमि सौदों पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर आए।
याचिका में इडुक्की जिले के चिन्नक्कनाल, पल्लीवासल, देवीकुलम, उडुंबनचोला और पीरुमेदु तालुकों में स्वीकृत सभी निर्माणों को तब तक रोकने की भी मांग की गई है, जब तक कि स्वामित्व दस्तावेजों की वास्तविकता की जांच नहीं हो जाती।