कर्नाटक हाईकोर्ट ने सरकारी जांच लंबित रहने तक पावर टीवी को प्रसारण से रोका

कर्नाटक हाईकोर्ट ने पावर टीवी और अन्य निजी प्रतिवादियों को अगले आदेश तक प्रसारण गतिविधियों को जारी रखने से रोक दिया है। यह अंतरिम आदेश 25 जून 2024 को न्यायमूर्ति एस.आर. कृष्ण कुमार द्वारा दो जुड़े हुए रिट याचिकाओं – WP 10553/2024 और WP 10639/2024 में पारित किया गया।

पृष्ठभूमि:

याचिकाकर्ताओं, जिनमें एच.एम. रमेश गौड़ा शामिल हैं, ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाते हुए दावा किया कि वे पावर टीवी द्वारा किए गए कुछ प्रसारणों के शिकार हुए थे, जिसे पावर स्मार्ट मीडिया प्राइवेट लिमिटेड (प्रतिवादी नंबर 3) द्वारा संचालित किया जाता है। उन्होंने तर्क दिया कि चैनल के पास संचालन के लिए सूचना और प्रसारण मंत्रालय से वैध अनुमति नहीं थी।

मुख्य कानूनी मुद्दे:

1. क्या पावर टीवी के पास टीवी चैनल संचालित करने के लिए सरकार से वैध और विद्यमान लाइसेंस/अनुमति थी?

2. अदालत की शक्तियों का दायरा लंबित सरकारी जांच के दौरान प्रसारण को रोकने के लिए

तर्क:

वरिष्ठ अधिवक्ता प्रभुलिंग के. नवदगी और संदीश जे. चौटा, याचिकाकर्ताओं की ओर से प्रस्तुत हुए, ने 6 फरवरी 2024 की केंद्र सरकार की एक संचार पर भरोसा किया, जिसमें पावर स्मार्ट मीडिया लिमिटेड को एक अनुमत कंपनी नहीं बताया गया था।

भारत संघ की ओर से उप महाधिवक्ता ने अदालत को सूचित किया कि चैनल को 9 फरवरी 2024 को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, जिससे कार्यवाही शुरू की गई थी।

पावर टीवी के वकील ने दावा किया कि उन्होंने आवश्यक नवीनीकरण प्राप्त कर लिया था, लेकिन वैध, विद्यमान अनुमोदन के निर्णायक प्रमाण प्रस्तुत करने में विफल रहे।

अदालत की टिप्पणियां और निर्णय:

न्यायमूर्ति कृष्ण कुमार ने नोट किया कि निजी प्रतिवादियों ने यह स्थापित करने के लिए कोई सामग्री प्रस्तुत नहीं की कि उनका अनुमोदन/लाइसेंस/अनुमति वैध और विद्यमान थी।

अदालत ने कहा: “इन परिस्थितियों में, यह निर्विवाद तथ्य है कि 09.02.2024 के अंतिम कारण बताओ नोटिस के अनुसार भारत संघ द्वारा कार्यवाही शुरू की गई है, यह उचित और उपयुक्त होगा कि प्रतिवादी संख्या 3/प्रतिवादी संख्या 5 और अन्य निजी प्रतिवादियों को किसी भी प्रसारण गतिविधि को जारी न रखने और सभी निजी प्रतिवादियों को अगले सुनवाई की तारीख तक किसी भी प्रसारण गतिविधि को रोकने का निर्देश दिया जाए।”

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अदालत ने पावर टीवी और अन्य निजी प्रतिवादियों को अगले सुनवाई तक सभी प्रसारण गतिविधियों को रोकने का निर्देश दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई 9 जुलाई 2024 को निर्धारित की गई है।

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