कर्नाटक हाईकोर्ट ने चित्तापुर में आरएसएस मार्ग मार्च की अनुमति दी; 300 प्रतिभागी और 50 सदस्यीय बैंड की इजाज़त

कर्नाटक हाईकोर्ट ने गुरुवार को आरएसएस के कलबुर्गी संयोजक द्वारा दायर याचिका का निपटारा करते हुए चित्तापुर कस्बे में 16 नवंबर को प्रस्तावित मार्ग मार्च की अनुमति दे दी। अदालत ने प्रतिभागियों की संख्या 300 तक सीमित रखी, लेकिन बैंड की संख्या बढ़ाकर 50 सदस्य करने की इजाज़त दे दी।

जस्टिस एम. जी. एस. कमल ने रिकॉर्ड किया कि चित्तापुर के तहसीलदार ने पहले ही 16 नवंबर को होने वाले कार्यक्रम के लिए शर्तों सहित अनुमति प्रदान कर दी थी।

याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अरुणा श्याम ने अदालत को बताया कि संगठन अपना शताब्दी वर्ष मना रहा है और इस कारण तहसीलदार के आदेश में दो संशोधनों का अनुरोध किया गया:

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  • प्रतिभागियों की संख्या 300 से बढ़ाकर 600 की जाए
  • बैंड की संख्या 25 से बढ़ाकर 50 की जाए
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उन्होंने कहा कि आयोजन के पैमाने और उससे जुड़े जनभावना को देखते हुए अधिक प्रतिभागियों की आवश्यकता है।

राज्य की ओर से पेश हुए एडवोकेट जनरल शशि किरण शेट्टी ने प्रतिभागियों की संख्या बढ़ाने का विरोध किया। उन्होंने बताया कि 300 की सीमा इसलिए तय की गई थी क्योंकि आसपास के क्षेत्रों में हुए समान कार्यक्रमों में आमतौर पर 100–150 लोग ही शामिल हुए थे। हालांकि, उन्होंने बैंड की संख्या 50 करने पर कोई आपत्ति नहीं जताई।

अदालत ने राज्य की दलीलों से सहमति जताते हुए प्रतिभागियों की संख्या बढ़ाने से इनकार कर दिया, लेकिन बैंड की संख्या बढ़ाने की अनुमति दे दी।

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जस्टिस कमल ने कहा कि “बैंड की संख्या 50 करने को छोड़कर तहसीलदार के आदेश की बाकी सभी शर्तें यथावत रहेंगी।”

यह विवाद 19 अक्टूबर को तब शुरू हुआ जब चित्तापुर प्रशासन — जो मंत्री प्रियांक खड़गे का निर्वाचन क्षेत्र है — ने आरएसएस के मार्ग मार्च को अनुमति देने से इनकार कर दिया था। अधिकारियों ने आशंका जताई थी कि इससे शांति और कानून व्यवस्था प्रभावित हो सकती है। तहसीलदार ने यह भी बताया था कि भीम आर्मी और अन्य संगठनों ने भी इसी मार्ग पर उसी दिन मार्च करने की सूचना दी है।

उसी दिन अशोक पाटिल द्वारा आरएसएस की ओर से दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने संगठन को नई अनुमति याचिका दायर करने का निर्देश दिया था और अधिकारियों से कहा था कि वे उसे विचार कर अदालत के समक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत करें।

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इसके बाद तहसीलदार ने शर्तों सहित अनुमति दी, जिसमें से दो शर्तों को याचिकाकर्ता ने चुनौती दी थी।

गुरुवार के आदेश के साथ, हाईकोर्ट ने 16 नवंबर को आरएसएस मार्ग मार्च को निम्न शर्तों के साथ अनुमति प्रदान कर दी:

  • अधिकतम 300 प्रतिभागी
  • 50 सदस्यीय बैंड

याचिका का इसके साथ निपटारा कर दिया गया।

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