RCB भगदड़ मामला: कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को अंतिम रिपोर्ट दाखिल करने से रोका, कोर्ट की अनुमति आवश्यक

कर्नाटक हाईकोर्ट ने मंगलवार को मल्लेश्वरम स्थित एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में पिछले महीने हुई भगदड़ की घटना से जुड़े मामले में राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) और डीएनए एंटरटेनमेंट नेटवर्क्स लिमिटेड के खिलाफ दर्ज मामले में बिना पूर्व अनुमति के अंतिम जांच रिपोर्ट दाखिल न करे।

न्यायमूर्ति एस. आर. कृष्ण कुमार ने इस गंभीर घटना से संबंधित कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए पूर्व में दिए गए अंतरिम आदेश को आगे बढ़ाया और मामले की अगली सुनवाई 5 अगस्त के लिए निर्धारित की।
उन्होंने स्पष्ट कहा, “मामला 5 अगस्त को पुनः सूचीबद्ध किया जाए। इस बीच, प्रतिवादी बिना कोर्ट की अनुमति के अंतिम रिपोर्ट दाखिल न करें।”

RCB फ्रेंचाइज़ी का प्रबंधन संभालने वाली रॉयल चैलेंजर्स स्पोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (RCSPL) की ओर से पेश अधिवक्ता ने बताया कि कंपनी जांच में पूरा सहयोग कर रही है, लेकिन यदि इस समय चार्जशीट दाखिल की जाती है, तो इससे कंपनी की प्रतिष्ठा को “गंभीर और अपूरणीय नुकसान” हो सकता है।

Video thumbnail

इस पर संज्ञान लेते हुए न्यायालय ने मौखिक रूप से राज्य सरकार को निर्देश दिया कि “बिना अनुमति के चार्जशीट दाखिल न करें।”
सरकारी पक्ष की ओर से पेश अधिवक्ता ने आश्वस्त किया कि “अगले एक सप्ताह या दस दिन तक कोई अंतिम रिपोर्ट दाखिल नहीं की जाएगी।”

न्यायालय ने यह भी टिप्पणी की कि यदि रिपोर्ट दाखिल कर दी गई, तो याचिकाकर्ता अपनी याचिका में संशोधन या नई याचिका दाखिल करने की मांग कर सकते हैं, जिससे प्रक्रिया जटिल हो सकती है। न्यायमूर्ति कुमार ने कहा, “इसलिए पहले सब कुछ पूरा कर लीजिए।”

उधर, डीएनए एंटरटेनमेंट नेटवर्क्स लिमिटेड की ओर से पेश वकील ने बताया कि लंबित एफआईआर के कारण कंपनी को व्यवसायिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि उसे हर अनुबंध में इस आपराधिक मामले का खुलासा करना पड़ता है।

READ ALSO  सुप्रीम कोर्ट ने NEET-UG 2024 काउंसलिंग स्थगित करने के अनुरोध को अस्वीकार किया

गौरतलब है कि यह भगदड़ चिन्नास्वामी स्टेडियम में RCB से जुड़े एक कार्यक्रम के दौरान हुई थी, जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हुए थे। घटना के बाद आयोजनकर्ताओं के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया था।

अब यह मामला अगली सुनवाई के लिए 5 अगस्त को पुनः प्रस्तुत किया जाएगा।

Ad 20- WhatsApp Banner
READ ALSO  इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 7 साल बाद न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति को दी मंजूरी, जासूसी के खारिज आरोपों के कारण पहले हुई थी अस्वीकृति

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles