कर्नाटक हाईकोर्ट ने खारिज की पाकिस्तानी बच्चों को भारत में रुकने की याचिका, राष्ट्रीय सुरक्षा का दिया हवाला

कर्नाटक हाईकोर्ट ने गुरुवार को मैसूर की एक महिला द्वारा दायर उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उसके तीन पाकिस्तानी नागरिक बच्चों को भारत में अधिक समय तक रुकने की अनुमति मांगी गई थी। यह याचिका केंद्र सरकार द्वारा 30 अप्रैल तक सभी पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने के निर्देश के बाद दायर की गई थी, जो हालिया सुरक्षा चिंताओं के मद्देनज़र जारी किया गया था।

याचिकाकर्ता रम्शा जहां, एक भारतीय नागरिक हैं, जो 4 जनवरी 2025 को अपने तीन नाबालिग बच्चों — जिनकी उम्र 8, 4 और 3 वर्ष है — के साथ पाकिस्तान से भारत आई थीं ताकि एक पारिवारिक विवाह में शामिल हो सकें। उनके पति मोहम्मद फारूक बलूचिस्तान के पिशिन के निवासी हैं, और शरीयत आधारित विवाह प्रावधानों के तहत बच्चों को पाकिस्तानी नागरिकता प्राप्त है।

परिवार को पहले 17 फरवरी तक वैध वीज़ा दिया गया था, जिसे बाद में 18 जून तक बढ़ा दिया गया। हालांकि, पहलगाम आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने 25 अप्रैल को एक परिपत्र जारी कर सभी पाकिस्तानी नागरिकों के अस्थायी वीज़ा रद्द कर दिए और उन्हें 30 अप्रैल तक भारत छोड़ने का आदेश दिया।

अपनी याचिका में रम्शा ने दावा किया कि उन्होंने बच्चों को समय सीमा से पहले 28 अप्रैल को वाघा बॉर्डर ले जाने की कोशिश की थी, लेकिन कुछ कारणों से सीमा पार नहीं हो सकी।

न्यायमूर्ति एम.जी. उमा की अध्यक्षता वाली पीठ ने सरकार के आदेश को बरकरार रखते हुए कहा कि यह निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से लिया गया है। कोर्ट ने कहा, “सरकार ने यह निर्णय भारत के नागरिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया है। ऐसे में मुझे इसमें हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं दिखता। अतः याचिका खारिज की जाती है।”

सुनवाई के दौरान डिप्टी सॉलिसिटर जनरल एच. शांति भूषण ने याचिका का विरोध करते हुए बताया कि याचिकाकर्ता ने विदेशियों के क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (FRRO) द्वारा बच्चों का वीज़ा रद्द करने के आदेश को चुनौती ही नहीं दी थी।

हाईकोर्ट का यह फैसला सीमा पार घटनाओं के बाद उत्पन्न सुरक्षा चिंताओं के बीच आप्रवासन नियंत्रण पर केंद्र सरकार के सख्त रुख को और मजबूत करता है।

READ ALSO  मद्रास हाईकोर्ट ने फिल्मों की शुरुआती समीक्षाओं पर रोक से किया इनकार, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को दी प्राथमिकता
Ad 20- WhatsApp Banner

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles