कर्नाटक हाई कोर्ट ने मंगलवार को ओला इलेक्ट्रिक को निर्देश दिया कि वह केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) की चल रही जांच के तहत अतिरिक्त दस्तावेज प्रस्तुत करे। यह जांच उपभोक्ताओं से दोपहिया वाहन निर्माता के खिलाफ मिली कई शिकायतों के बाद शुरू की गई थी।
जस्टिस आर. देवदास ने ओला इलेक्ट्रिक द्वारा CCPA के अनुरोध को रद्द करने की अपील को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि CCPA के महानिदेशक द्वारा नियुक्त जांच अधिकारी को कंपनी से अतिरिक्त दस्तावेज मांगने का पूरा अधिकार है। जस्टिस देवदास ने कहा, “इस चरण में जांच अधिकारी के लिए ऐसे निर्देश जारी करना पूरी तरह से अधिकार क्षेत्र में है, और याचिकाकर्ता को मांगे गए दस्तावेज़ और रिकॉर्ड प्रस्तुत करना आवश्यक है।”
ओला इलेक्ट्रिक की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता उदय होला ने सुनवाई के दौरान यह तर्क दिया कि जांच की सार्वजनिक जानकारी से कंपनी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंच सकता है। उन्होंने कहा कि ओला सीधे CCPA के साथ सहयोग करने के लिए तैयार है, लेकिन कंपनी को जांच अधिकारी को दस्तावेज़ सौंपने में आपत्ति है क्योंकि उनका मानना है कि अधिकारी जांच के लिए अधिकृत नहीं हैं।
कोर्ट ने इन चिंताओं को खारिज करते हुए कहा, “याचिकाकर्ता को ऐसा करने में कोई नुकसान नहीं होगा।” साथ ही, कोर्ट ने जोर देकर कहा कि CCPA यह सुनिश्चित करेगा कि प्रक्रिया के दौरान सभी नियमों का पालन हो, जिसमें आवश्यक होने पर व्यक्तिगत सुनवाई भी शामिल होगी।
जस्टिस देवदास ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 का हवाला देते हुए कहा कि यह CCPA को अधिकार देता है कि वह संभावित उल्लंघनों की जांच के लिए अपने महानिदेशक को निर्देशित करे। इस मामले में, महानिदेशक ने संबंधित अधिकारी को विधिवत अधिकृत किया था, और उनके कार्य कानूनी रूप से वैध हैं।
CCPA की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अरविंद कामत ने अदालत को आश्वस्त किया कि जांच के दौरान सार्वजनिक बयान जारी नहीं किए जाएंगे, जिससे ओला की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचने की चिंता दूर हो सके। जस्टिस देवदास ने कहा, “याचिकाकर्ता के वकील द्वारा व्यक्त की गई आशंका को ASGI द्वारा दूर कर दिया गया है, जिन्होंने कहा कि जांच अधिकारी या अन्य कोई सार्वजनिक बयान नहीं देंगे।”
ओला इलेक्ट्रिक के खिलाफ यह जांच 12 अक्टूबर 2024 को CCPA द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस के बाद शुरू हुई थी। जुलाई 2023 से अगस्त 2024 के बीच उपभोक्ताओं से मिली 10,466 शिकायतों में उपभोक्ता अधिकारों के उल्लंघन, सेवा में कमियां और भ्रामक विज्ञापन जैसे मुद्दे उठाए गए थे। प्रारंभिक जांच में इन आरोपों के प्राथमिक साक्ष्य पाए गए, जिसके बाद औपचारिक जांच शुरू हुई।
CCPA ने महानिदेशक को ओला के संचालन के विभिन्न पहलुओं, जैसे सेवा समझौतों, शर्तों, सेवा केंद्रों में मानकों, और शिकायत निवारण तंत्र की जांच करने का जिम्मा सौंपा है। इसके तहत, वैज्ञानिक श्रेणी के एक वरिष्ठ निदेशक को जांच का नेतृत्व करने के लिए नियुक्त किया गया, जिन्होंने 14 दिसंबर को ओला से 15 दिनों के भीतर अतिरिक्त दस्तावेज प्रस्तुत करने का अनुरोध किया।