कर्नाटक हाई कोर्ट ने मई में हुए विधानसभा चुनाव में चित्तपुर निर्वाचन क्षेत्र से उनके चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर बुधवार को मंत्री प्रियांक खड़गे को समन जारी किया।
अश्वथ राव नामक व्यक्ति की याचिका पर आज सुनवाई हुई और खड़गे को 5 सितंबर को अदालत में पेश होने के लिए समन जारी किया गया।
खड़गे राज्य की कांग्रेस सरकार में आईटी एवं बीटी और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री हैं।
अन्य आरोपों के अलावा, याचिका में उनके जाति प्रमाण पत्र के साथ समस्याओं का दावा किया गया है, और वह अपनी शिक्षा के बारे में उचित जानकारी प्रदान करने में विफल रहे हैं।
याचिका में यह भी दावा किया गया है कि कांग्रेस पार्टी ने अपने घोषणापत्र में जिन गारंटी योजनाओं की घोषणा की थी, उनका इस्तेमाल मतदाताओं को लुभाने के लिए किया गया था, जो उन्हें रिश्वत देने के समान था।
खड़गे ने कथित तौर पर मतदाताओं को वादों पर गारंटी कार्ड जारी किए थे। चूंकि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 123(1) के तहत मतदाताओं को रिश्वत देकर लुभाना गैरकानूनी था, इसलिए उन्हें अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए।
कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के चुनाव के खिलाफ इसी तरह की रिट याचिका पर बहस करने वाली वरिष्ठ वकील प्रमिला नेसारगी ने आज मामले पर बहस की।
खड़गे कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे हैं।