दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के आवास से भारी मात्रा में नकदी मिलने की खबर ने देश की न्यायिक प्रणाली को हिला कर रख दिया है। यह नकदी कथित तौर पर उस समय बरामद हुई जब उनके घर में आग लगने की सूचना पर पहुंचे फायर ब्रिगेड कर्मियों ने आग बुझाने के दौरान यह रकम देखी।
इस घटना के बाद मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने न्यायमूर्ति वर्मा को उनके मूल हाई कोर्ट — इलाहाबाद हाई कोर्ट — स्थानांतरित करने की सिफारिश की है। हालांकि, कॉलेजियम की ओर से इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान अब तक जारी नहीं किया गया है, लेकिन इस पूरे घटनाक्रम से न्यायपालिका में हलचल मच गई है।
सुप्रीम कोर्ट में आज सुबह की कार्यवाही भी इस तनाव से प्रभावित रही। कॉलेजियम पीठें, जिनमें शीर्ष अदालत के पांच वरिष्ठतम न्यायाधीश शामिल होते हैं, आज सामान्य समय से 45 मिनट देरी से, यानी 11:15 बजे बैठीं।

वहीं दिल्ली हाई कोर्ट में न्यायमूर्ति वर्मा आज न्यायिक कार्य से अनुपस्थित रहे। उनके कोर्ट स्टाफ ने खुली अदालत में जानकारी दी कि वे आज अवकाश पर हैं। कोर्ट परिसर में माहौल गंभीर और तनावपूर्ण दिखाई दिया।
मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र उपाध्याय के समक्ष जब यह मुद्दा बार के सदस्यों द्वारा उठाया गया, तो वरिष्ठ अधिवक्ता अरुण भारद्वाज ने कहा, “यह घटना हममें से कई लोगों को दुख पहुंचा रही है। कृपया प्रशासनिक स्तर पर कुछ कदम उठाएं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।”
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्य न्यायाधीश उपाध्याय ने कहा कि न्यायपालिका इस विषय को लेकर सजग और संवेदनशील है।