न्यायिक अधिकारी के लिए अशोभनीय- सुप्रीम कोर्ट ने विस्तृत निर्णय न लिखने और केवल आदेश सुनाने के लिए सिविल जज की बर्खास्तगी को सही ठहराया

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि एक न्यायिक अधिकारी फैसले को पूरा तैयार/लिखे बिना खुली अदालत में अपने फैसले के आदेश के हिस्से का उच्चारण नहीं कर सकता है। जस्टिस वी. रामासुब्रमण्यन और पंकज मिथल की पीठ कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश को चुनौती देने वाली अपील पर विचार कर रही थी, जिसमें

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