झारखंड हाईकोर्ट ने मंगलवार को वह अंतरिम रोक हटा दी, जिसके चलते मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय (ED) की शिकायत पर रांची स्थित MP-MLA कोर्ट में पेश होने से राहत मिली हुई थी।
प्रवर्तन निदेशालय ने सोरेन को कथित भूमि घोटाले से जुड़े मामले में पेश होने के लिए कई बार समन जारी किया। ED के सहायक निदेशक देवराज झा द्वारा दायर शिकायत में कहा गया कि कुल 10 समन जारी किए गए थे, जिनमें से सोरेन केवल दो पर ही उपस्थित हुए और शेष समनों का पालन नहीं किया।
इसके बाद, वर्ष 2024 में ED ने MP-MLA विशेष अदालत के समक्ष शिकायत याचिका दायर की। मामले की सुनवाई के दौरान विशेष न्यायाधीश ने सोरेन को व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित होने का निर्देश दिया।
इस आदेश को चुनौती देते हुए सोरेन ने झारखंड हाईकोर्ट में आपराधिक मिश्रित याचिका दायर की। दिसंबर 2024 में हाईकोर्ट ने ED को नोटिस जारी करते हुए निचली अदालत द्वारा पारित व्यक्तिगत पेशी के आदेश पर रोक लगा दी थी। इस आदेश के चलते सोरेन की अदालत में उपस्थिति स्थगित थी।
मंगलवार को सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने मामले में स्थगन मांगा। हाईकोर्ट ने स्थगन तो दे दिया, लेकिन साथ ही सोरेन के पक्ष में पारित अपनी पूर्व रोक को भी हटा दिया।
रोक हटने के बाद MP-MLA कोर्ट का व्यक्तिगत उपस्थिति वाला आदेश अब फिर से प्रभावी हो गया है।




