झारखंड हाईकोर्ट ने मंगलवार को राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह गुमला जिले की छह वर्षीय बच्ची की गुमशुदगी की जांच पर अद्यतन स्थिति रिपोर्ट पेश करे। यह बच्ची वर्ष 2019 से लापता है।
न्यायमूर्ति रोंगन मुखोपाध्याय और न्यायमूर्ति प्रदीप कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ इस मामले पर सुनवाई कर रही थी। बच्ची की मां चंद्रमुनी उरांव ने सितंबर में हाईकोर्ट में हैबियस कॉर्पस याचिका दाखिल की थी। उन्होंने आशंका जताई कि उनकी बेटी मानव तस्करी का शिकार हो सकती है।
इससे पहले कोर्ट ने गुमला के पुलिस अधीक्षक (एसपी) को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया था। मंगलवार को एसपी अदालत में हाजिर हुए और केस डायरी पेश की। उन्होंने बताया कि मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित की गई है।

अदालत ने अगली सुनवाई की तारीख 11 नवंबर तय की है।
याचिकाकर्ता के अनुसार, 2019 में बच्ची की गुमशुदगी को लेकर एफआईआर दर्ज कराई गई थी, लेकिन पुलिस ने उसे खोजने के लिए कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। इसी कारण मां ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।