बायोवेस्ट प्रबंधन में लापरवाही पर झारखंड हाईकोर्ट सख्त, सभी जिलों के उपायुक्तों को रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश

झारखंड हाईकोर्ट ने शुक्रवार को राज्य के सभी जिलों के उपायुक्तों को निर्देश दिया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में बायोवेस्ट (जैव अपशिष्ट) के प्रबंधन को लेकर उठाए गए कदमों की विस्तृत रिपोर्ट अदालत में दाखिल करें।

मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायमूर्ति राजेश शंकर की खंडपीठ झारखंड ह्यूमन राइट्स कॉन्फ़ेडरेशन नामक गैर-सरकारी संगठन द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें राज्य में बायोवेस्ट और मेडिकल वेस्ट के अनुचित निपटान को लेकर गंभीर चिंताएं जताई गई थीं।

READ ALSO  पेंशन योजना लागू न करने पर सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के मुख्य सचिव को अवमानना ​​नोटिस जारी किया

अदालत ने नाराजगी जताते हुए कहा कि पूर्व में दिए गए निर्देशों के बावजूद जिलों के उपायुक्तों द्वारा रिपोर्ट दाखिल नहीं की गई है, जो गंभीर लापरवाही को दर्शाता है। कोर्ट ने साफ किया कि इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और अगली सुनवाई की तारीख 8 मई तय की है।

Video thumbnail

इस जनहित याचिका की शुरुआत केवल राजधानी रांची में बायोवेस्ट के प्रबंधन को लेकर हुई थी, लेकिन अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे पूरे राज्य के लिए विस्तारित कर दिया।

READ ALSO  सुप्रीम कोर्ट ने कहा यदि दोषसिद्धि पर रोक नही तो दोषी चुनाव लड़ने योग्य नही

याचिकाकर्ता संगठन ने आरोप लगाया है कि अस्पतालों से निकलने वाले जैव अपशिष्ट का सही ढंग से निस्तारण नहीं हो रहा है। कई बार ये अपशिष्ट खुले स्थानों या जल स्रोतों में फेंक दिए जाते हैं, जिससे न केवल प्रदूषण फैलता है, बल्कि संक्रमण और बीमारियों के प्रसार का भी खतरा रहता है।

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles