झारखंड हाईकोर्ट ने सोमवार को अदालत के निर्देशों का पालन नहीं करने के लिए बिना शर्त माफी मांगने के बाद राज्य के परिवहन सचिव के श्रीनिवासन के खिलाफ अवमानना कार्यवाही बंद कर दी।
श्रीनिवासन को जमानती वारंट जारी करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक किशोर कौशल ने अदालत में पेश किया।
न्यायमूर्ति एस चंद्रशेखर ने नौकरशाह द्वारा पेश की गई माफी को स्वीकार कर लिया और उनके खिलाफ अवमानना कार्यवाही वापस ले ली।
उच्च न्यायालय एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें दावा किया गया था कि परिवहन विभाग में एक दशक से अधिक समय से मोटर वाहन निरीक्षकों (एमवीआई) के 49 पद खाली पड़े हैं।
उच्च न्यायालय ने 29 मार्च को परिवहन सचिव को हलफनामे के जरिए मामले पर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया था।
कोर्ट ने सचिव को यह बताने का निर्देश दिया था कि एमवीआई के पद इतने लंबे समय से खाली क्यों रखे गए हैं।
सचिव अपना जवाब दाखिल करने में विफल रहे, जिसके बाद उच्च न्यायालय ने 13 अप्रैल को उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की और अदालत के समक्ष उनकी उपस्थिति मांगी।
श्रीनिवासन ने कहा कि वह छह अप्रैल से शहर से बाहर हैं और इसलिए हलफनामा दाखिल नहीं कर सके।
अदालत ने श्रीनिवासन के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही को समाप्त करते हुए उन्हें हलफनामा दायर करने और यह सूचित करने का आदेश दिया कि नियुक्ति प्रक्रिया को पूरा करने और एमवीआई के पदों को भरने के लिए परिवहन विभाग द्वारा क्या कदम उठाए जाएंगे।