अभिनेत्री और रामपुर की पूर्व सांसद जयाप्रदा ने सोमवार को स्थानीय एमपी-एमएलए अदालत में एक सत्र में भाग लिया, उनके खिलाफ चल रहे एक मामले में अपना बयान दर्ज कराने में विफल रहने के लिए गैर-जमानती वारंट जारी किया गया था। यह मामला 2019 के लोकसभा चुनावों के बाद एक सार्वजनिक समारोह के दौरान उनके खिलाफ कथित रूप से अभद्र टिप्पणी करने से संबंधित है।
विशेष लोक अभियोजक मोहनलाल बिश्नोई ने पिछले अदालती सत्रों में जयाप्रदा की अनुपस्थिति को उजागर किया, जिसके कारण वारंट जारी किया गया। समय की कमी के कारण अदालत द्वारा सुनवाई पूरी नहीं कर पाने के कारण इस सोमवार को उनकी उपस्थिति को चिह्नित किया गया, अब कार्यवाही 25 अक्टूबर के लिए पुनर्निर्धारित की गई है।
कथित तौर पर चुनाव परिणामों की घोषणा के तुरंत बाद कटघर पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र में एक डिग्री कॉलेज में आयोजित एक कार्यक्रम में उक्त टिप्पणी की गई थी। इस कार्यक्रम में समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान, मुरादाबाद के पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन और अन्य प्रमुख हस्तियां शामिल हुईं। कानूनी कार्रवाई रामपुर निवासी मुस्तफा हुसैन ने शुरू की, जिन्होंने आजम खान, एसटी हसन, आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम, फिरोज खान, मोहम्मद आरिफ, अजहर खान समेत अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कराया। गौरतलब है कि आजम खान फिलहाल विभिन्न आरोपों के चलते जेल में बंद हैं, जबकि एसटी हसन अदालत की सुनवाई में शामिल नहीं हो पाए।