नार्को-टेरर मामले में जमानत याचिका खारिज: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने कहा – ‘नशीले पदार्थों की तस्करी अब परोक्ष युद्ध का नया मोर्चा’

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट ने बुधवार को एक युवक की जमानत याचिका खारिज कर दी, जो कथित रूप से नार्को-टेररिज्म से जुड़े मामले में आरोपी है। अदालत ने अपने फैसले में इस बात को रेखांकित किया कि सीमापार तत्वों द्वारा नशीले पदार्थों को परोक्ष युद्ध के औजार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है, जो देश की सुरक्षा के लिए एक नया और उभरता हुआ खतरा है।

न्यायमूर्ति राजेश सेखरी ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि आज का नार्को-टेरर केवल मादक पदार्थों और हथियारों की तस्करी तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि यह देश को अस्थिर करने के लिए एक रणनीतिक हथियार के रूप में प्रयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “नशीले पदार्थों को आतंकवाद की मुद्रा (terror currency) के रूप में उपयोग करना और इनकी सीमापार तस्करी के ज़रिए आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देना हाल के वर्षों में परोक्ष युद्ध का नया चेहरा बन गया है, जिसे हमारे शत्रु सीमा पार से चला रहे हैं।”

READ ALSO  दिल्ली हाई कोर्ट ने सुब्रमण्यम स्वामी से उनके खिलाफ मानहानि की कार्यवाही को चुनौती देने वाली याचिका की विचारणीयता पर बहस करने को कहा

न्यायालय ने आगे कहा कि आरोपी कोई साधारण वाहक नहीं था, बल्कि एक संगठित नार्को-टेरर मॉड्यूल का सक्रिय सदस्य था, जिसका उद्देश्य भारत की आर्थिक सुरक्षा और सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचाना था। न्यायालय ने कहा, “दुश्मन द्वारा मादक पदार्थों और हथियारों को एक साथ भेजने की दोहरी रणनीति अपनाई जा रही है ताकि देश की आर्थिक सुरक्षा को खतरे में डाला जा सके, विध्वंसक गतिविधियों को उकसाया जा सके और सामाजिक तंत्र को तोड़ा जा सके।”

Video thumbnail

हालांकि आरोपी को गिरफ्तारी के समय नाबालिग बताया गया था, लेकिन किशोर न्याय बोर्ड द्वारा उसकी मानसिक परिपक्वता का मूल्यांकन करने के बाद उसे व्यस्क के रूप में मुकदमे का सामना करने के योग्य माना गया। आरोपी को थाना सांबा में एफआईआर संख्या 21/2022 के तहत गिरफ्तार किया गया था, जिसमें यूएपीए (UAPA), एनडीपीएस एक्ट, आर्म्स एक्ट, फॉरेनर्स एक्ट, और एनिमी एजेंट्स अध्यादेश जैसी कठोर धाराएं लगाई गई हैं।

राज्य जांच एजेंसी (SIA) की जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग और हथियार तस्करी नेटवर्क में सक्रिय रूप से शामिल था, जिसके सीधे तार पाकिस्तान से जुड़े हुए हैं। इस गिरोह का सरगना, जिसका कोड नाम ‘राणा’ बताया गया है, पाकिस्तान से इस नेटवर्क का संचालन कर रहा है और भारत में अस्थिरता फैलाने के उद्देश्य से काम कर रहा है।

READ ALSO  गौरी लंकेश हत्याकांड के आरोपी को मिली जमानत

अंत में, न्यायमूर्ति सेखरी ने कहा कि इस स्तर के संगठित और सीमापार आपराधिक नेटवर्क से जुड़े मामले में आरोपी को ज़मानत देना न्याय के उद्देश्यों को विफल करेगा और अभियोजन की गंभीरता को कमजोर करेगा। अतः जमानत याचिका अस्वीकार की जाती है।

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles