दिल्ली हाईकोर्ट ने बॉलीवुड अभिनेत्री जैकलीन फर्नांडिस द्वारा ₹200 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के खिलाफ दर्ज ईसीआईआर (ECIR) को रद्द करने की याचिका को खारिज कर दिया है। यह मामला कथित ठग सुकेश चंद्रशेखर से जुड़ा हुआ है। न्यायमूर्ति अनीश दयाल की एकल पीठ ने 3 जुलाई को यह निर्णय सुनाया।
फर्नांडिस ने अपनी याचिका में दावा किया था कि ईडी ने पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाया और “चयनित तरीके” से केवल उन्हें आरोपी बनाया जबकि उन्हीं जैसी स्थिति में रहे अन्य टीवी कलाकारों — निक्की तंबोली, चाहत खन्ना और सोफिया सिंह — के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई, जबकि उन्होंने भी सुकेश चंद्रशेखर से उपहार प्राप्त किए थे। उन्होंने यह भी कहा कि अभिनेत्री नोरा फतेही के एक रिश्तेदार को भी चंद्रशेखर से एक लग्ज़री कार मिली थी, लेकिन फिर भी उन्हें आरोपी नहीं बनाया गया।
हाईकोर्ट ने इन दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि ऐसी दलीलें FIR रद्द करने के लिए स्वीकार नहीं की जा सकतीं। आदेश में कहा गया,
“क्या जांच एजेंसी ने चयनात्मक नीति अपनाई या दूसरों के खिलाफ कार्रवाई न करने का निर्णय लिया, यह इस चरण पर विचार का विषय नहीं है। याचिकाकर्ता इस विषय को उपयुक्त मंच पर उठाने के लिए स्वतंत्र है।”

कोर्ट ने यह भी कहा कि जिन मामलों का हवाला याचिकाकर्ता ने दिया, वे ज़मानत देने से जुड़े थे, न कि FIR रद्द करने से।
“समानता का तर्क ज़मानत देते समय विचार योग्य हो सकता है, लेकिन उसे FIR रद्द करने के मामले में लागू नहीं किया जा सकता, क्योंकि इससे आरोपी याचिकाकर्ता के खिलाफ ECIR ही समाप्त हो जाएगा,” कोर्ट ने कहा।
ED की ओर से पेश वकील ने अदालत में बताया कि फर्नांडिस ने सुकेश चंद्रशेखर से ₹7.12 करोड़ मूल्य के उपहार प्राप्त करने के आरोपों का खंडन नहीं किया, और ₹1.12 करोड़ मूल्य के उपहार उनकी बहन को श्रीलंका भेजे गए थे। उन्होंने कहा कि अपराध की आय (proceeds of crime) को प्राप्त करने और उसे अपने पास रखने के आरोप PMLA के तहत कार्यवाही के लिए पर्याप्त हैं।
कोर्ट ने आदेश में स्पष्ट कहा,
“याचिका स्वीकार नहीं की जा सकती। याचिकाकर्ता द्वारा ECIR दिनांक 8 अगस्त 2021 एवं द्वितीय अनुपूरक शिकायत दिनांक 17 अगस्त 2022 को रद्द करने हेतु दायर याचिका खारिज की जाती है।”
गौरतलब है कि फर्नांडिस इस मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी हैं और उन्होंने ईडी के समक्ष पूछताछ में भी हिस्सा लिया है। यह मामला दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज उस मामले से संबंधित है जिसमें सुकेश चंद्रशेखर पर रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटरों — शिविंदर सिंह और मलविंदर सिंह — की पत्नियों से ₹200 करोड़ की ठगी का आरोप है।
सुकेश चंद्रशेखर और उनकी पत्नी लीना पॉलोस को इस मामले में दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उन पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के साथ-साथ महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (MCOCA) के तहत भी कार्यवाही की गई है। आरोप है कि उन्होंने हवाला के ज़रिये और शेल कंपनियों के माध्यम से अपराध की आय को छुपाया और निवेश किया।