कलकत्ता हाई कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस अभिजीत गांगुली ने 36 हजार प्राथमिक शिक्षकों की नौकरी रद्द करने का आदेश दिया था। उन्होंने कहा था कि ये सारे लोग अप्रशिक्षित हैं इसलिए इनकी नौकरी रद्द की जाएगी।
लेकिन मंगलवार को उन्होंने अपने आदेश में संशोधन किया है। उन्होंने कहा है कि अप्रशिक्षित लोगों की संख्या 36 हजार नहीं बल्कि 32 हजार के करीब है इसलिए बाकी लोगों की नौकरी बरकरार रहेगी। उन्होंने कहा कि टाइपोग्राफिकल गलती की वजह से 36 हजार लोगों की नौकरी रद्द करने का आदेश जारी हुआ था। नौकरी गंवाने वाले लोगों की संख्या 32 हजार के करीब होगी। इसके अलावा एक और संशोधन उन्होंने किया। नियुक्ति पैनल में सबसे कम नंबर 14.191 लिखा गया था जो 13.796 है।
उल्लेखनीय है कि गत शुक्रवार को जस्टिस गांगुली ने प्राथमिक शिक्षक के तौर पर नियुक्त किए गए 36 हजार अप्रशिक्षित लोगों को नौकरी से हटाने का आदेश दिया है। इसके खिलाफ राज्य सरकार खंडपीठ गई है। उसके पहले याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता तरुण ज्योति तिवारी ने जस्टिस गांगुली का ध्यानाकर्षण कर दावा किया था कि आदेश में टाइपोग्राफिकल मिस्टेक की वजह से 32 हजार की जगह 36 हजार छप गया है।