मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने एक वकील पर ₹10,000 का जुर्माना लगाया है क्योंकि वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चल रही अदालत की कार्यवाही में कार में बैठे-बैठे शामिल हुए। अदालत ने इस व्यवहार को न्यायिक गरिमा के खिलाफ बताते हुए इसे कोर्ट के प्रति अनादर बताया।
यह आदेश न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरन और न्यायमूर्ति अनुराधा शुक्ला की खंडपीठ ने पारित किया। पीठ ने कहा कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा उन वकीलों के लिए दी गई है जो किसी वैध कारण से अदालत में शारीरिक रूप से उपस्थित नहीं हो सकते। लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि पेशी की औपचारिकता को इस हद तक हल्का कर दिया जाए कि कोर्ट की गरिमा ही प्रभावित हो।
अदालत ने स्पष्ट किया कि कार से पेश होना न केवल असंगत है बल्कि इससे यह प्रतीत होता है कि संबंधित वकील ने न्यायालय के प्रति उचित सम्मान नहीं दिखाया।

इस आचरण के लिए कोर्ट ने वकील को ₹10,000 का जुर्माना भरने का निर्देश दिया, जो हाईकोर्ट लीगल सर्विसेज कमेटी में जमा किया जाएगा।