कर्नाटक हाईकोर्ट की कलबुर्गी बेंच ने अपहरण के मामले में एफआईआर न लिखने वाले आरोपी एसएचओ को अजीबोगरीब सजा दी है।कोर्ट ने एसएचओ को थाने के सामने की रोड साफ करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने यह निर्णय 55 वर्षीय ताराबाई की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया।
गौरतलब है कि बीते 20 अक्टूबर को ताराबाई का पुत्र सुरेश लापता हो गया था। काफी खोजबीन के बाद ताराबाई पुलिस थाने में बेटे की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाने गई थी। लेकिन एसएचओ ने अपने थाना क्षेत्र की घटना न होंने की बात कह एफआईआर नही लिखी। जिसके बाद ताराबाई ने कर्नाटक हाई कोर्ट में याचिका दायर कर पुलिस से उनके बेटे को अदालत में पेश करने की मांग की।
सड़क साफ करने का निर्देश-
हाई कोर्ट की कलबुर्गी पीठ के जस्टिस एस सुनील दत्त यादव और जस्टिस पी कृष्णा ने इस मामले की सुनवाई करते हुए पुलिस के कार्य करने के रवैये पर नाराजगी जताई है। और एसएचओ द्वारा गलती स्वीकारने पर थाने के सामने वाली सड़क को साफ करने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने सिटी एसपी को पुलिस महकमे के लिए एफआईआर लिखने के लिए एक वर्कशॉप का आयोजन करने की बात कही है।
कोर्ट ने पुलिस अधिकारी को जमकर फटकार लगाते हुए कहा कि यदि मामला आपके थाना क्षेत्र का नही भी था। तब भी एफआईआर दर्ज करके संबंधित थाने को सौंपना चाहिए था। लेकिन आपने ऐसा कुछ नही किया।
एसएचओ ने गलती स्वीकारी-
पीठ ने कहा कि हालांकि पुलिस अधिकारी ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए कहा है कि मेरे पास ताराबाई अपने पुत्र की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाने आई थी। लेकिन उन्होंने उनकी एफआईआर नही दर्ज की। सरकारी वकील के निवेदन पर कोर्ट ने कोई कानूनी कार्यवाही नही की है और एसएचओ ने भी दोबारा से ऐसी गलती न दोहराने की बात लिखित रूप से दी है।
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