कलकत्ता हाईकोर्ट ने सोमवार को कोलकाता नगर निगम (KMC) द्वारा की जा रही तोड़फोड़ की कार्रवाई पर अंतरिम रोक लगाते हुए पार्क स्ट्रीट स्थित एक हाई-प्रोफाइल रूफटॉप रेस्टोरेंट को राहत दी है।
यह आदेश उस याचिका पर सुनवाई के दौरान आया जिसमें रेस्टोरेंट के मालिक ने आरोप लगाया कि 2 और 3 मई को बिना किसी उचित कानूनी आदेश के केएमसी ने उनके रेस्टोरेंट में तोड़फोड़ की। यह कार्रवाई 29 अप्रैल को मध्य कोलकाता के एक होटल में लगी भीषण आग और उसमें हुई 14 मौतों के बाद शुरू की गई थी।
न्यायमूर्ति गौरांग कांत ने मामले की अगली सुनवाई तक (गुरुवार) केएमसी को किसी भी तरह की आगे की तोड़फोड़ करने से रोक दिया है। कोर्ट ने केएमसी से यह भी कहा है कि वह अगली सुनवाई में बताए कि उसने किस कानूनी प्रावधान के तहत यह कार्रवाई शुरू की।

याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि रेस्टोरेंट को केवल ‘स्टॉप-वर्क’ नोटिस दिया गया था, फिर भी तोड़फोड़ की गई। उन्होंने यह भी कहा कि रेस्टोरेंट के पास वैध फायर और ट्रेड लाइसेंस मौजूद हैं और छत पर बने ढांचे के नियमितीकरण के लिए केएमसी में आवेदन लंबित है।
राज्य में आग लगने की घटना के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अग्नि सुरक्षा मानकों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी थी। इसी पृष्ठभूमि में कई व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की जांच की जा रही है।
सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति कांत ने टिप्पणी की कि चूंकि मालिक ने ढांचे के नियमितीकरण के लिए आवेदन किया है, इससे स्पष्ट होता है कि वह निर्माण अवैध है। हालांकि कोर्ट ने इस बात से सहमति जताई कि केवल ‘स्टॉप-वर्क’ नोटिस के आधार पर तोड़फोड़ करना उचित नहीं था।
कोर्ट का यह अंतरिम आदेश रेस्टोरेंट के मालिक के लिए अस्थायी राहत जरूर है, लेकिन ढांचे की वैधता पर अंतिम फैसला गुरुवार की सुनवाई के बाद आएगा।