बंबई हाईकोर्ट ने शुक्रवार को हत्या के एक दोषी सोहेल अंसारी को उसकी क़ानून की पहली वर्ष की परीक्षाओं में शामिल होने के लिए अंतरिम ज़मानत दे दी। यह आदेश न्यायमूर्ति जी. एस. कुलकर्णी और न्यायमूर्ति अद्वैत सेठना की खंडपीठ ने दिया, जो अंसारी की ज़मानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
सोहेल अंसारी को 2021 में डिंडोशी सत्र न्यायालय ने अपने पड़ोसी रमेश जाधव की हत्या के मामले में दोषी ठहराया था। यह घटना 2014 की दिवाली के दौरान मुंबई के मलाड इलाके में हुई थी, जब अंसारी और उसके तीन साथियों — यूसुफ़अली वाली मोहम्मद सजीदा, इमरान अनवर काज़ी और गुल्लू वाली मोहम्मद सजीदा — ने दो भाइयों और उनकी मां दयाबेन त्रिवेदी पर हमला किया था। हंगामा सुनकर रमेश जाधव अपने चचेरे भाई राजेश के साथ मौके पर पहुंचे और बीच-बचाव की कोशिश की, लेकिन अंसारी ने पहले उन्हें मुक्कों और लातों से पीटा और फिर तलवार लाकर दयाबेन और रमेश पर वार किया। रमेश को अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
डिंडोशी अदालत ने अपने फैसले में लिखा, “सोहेल जल्दी से घर गया और तलवार लेकर लौटा और दयाबेन त्रिवेदी के हाथ व रमेश जाधव के शरीर पर वार किया।”

2023 में अंसारी ने अपनी सजा को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में अपील दायर की थी। उसने दावा किया कि मामले में प्रक्रिया संबंधी खामियां थीं, जैसे कि सीसीटीवी फुटेज की देर से बरामदगी और चश्मदीदों की गवाही में विरोधाभास। मई 2024 में अंसारी ने महाराष्ट्र कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (CET) में शामिल होने के लिए हाईकोर्ट से ज़मानत मांगी थी।
अदालत ने उसकी उम्र, अच्छे आचरण और शिक्षा की इच्छा को देखते हुए उसे कानून की परीक्षा में शामिल होने के लिए अस्थायी जमानत देने का आदेश दिया।