गुजरात हाईकोर्ट ने 8 वर्षीय छात्र आत्महत्या मामले में शिक्षक को बरी कर दिया

एक महत्वपूर्ण फैसले में, गुजरात हाईकोर्ट ने एक छात्र की आत्महत्या के बाद आरोपी बनाए जाने के आठ साल बाद एक शिक्षक के खिलाफ एफआईआर को रद्द कर दिया है। अदालत ने शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी सहानुभूति व्यक्त की लेकिन इस बात पर जोर दिया कि निर्दोष को दंडित करना अन्यायपूर्ण है।

मामला 2016 का है जब सूरत में एक छात्रा ने अपने शिक्षक की फटकार के बाद अपनी जान ले ली, जिसमें शारीरिक थप्पड़ भी शामिल था। इस दुखद घटना के कारण छात्रा के परिवार ने आरोप लगाया कि शिक्षक की हरकतें सीधे तौर पर उनकी बेटी की मौत के लिए जिम्मेदार थीं, जिसके परिणामस्वरूप शिक्षक और स्कूल ट्रस्टी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई।

READ ALSO  Once the FIR is quashed, the media must remove articles about it: Gujarat HC

गुजरात हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि वह परिवार के नुकसान के प्रति सहानुभूति रखता है, लेकिन कानूनी व्यवस्था किसी व्यक्ति के अपराध के पर्याप्त सबूत के बिना उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकती है। अदालत ने माना कि शिक्षकों को अक्सर अपने छात्रों की बेहतरी के लिए सख्त कदम उठाने पड़ते हैं और शिक्षकों के लिए छात्रों का कल्याण सर्वोपरि है।

Video thumbnail

इस निर्णय से आरोपी शिक्षक और ट्रस्टी को महत्वपूर्ण राहत मिली है, जिससे उनके खिलाफ दर्ज पुलिस शिकायत प्रभावी रूप से खारिज हो गई है। गौरतलब है कि शिक्षकों की अनुशासनात्मक कार्रवाई के बाद छात्र की आत्महत्या की यह कोई अकेली घटना नहीं है। इसी तरह का एक मामला जुलाई 2023 में झारखंड के धनबाद में सामने आया था, जहां 10वीं कक्षा की एक छात्रा ने स्कूल में बिंदी पहनने के लिए शिक्षक द्वारा डांटे जाने के बाद आत्महत्या कर ली थी, जिसके कारण उसे सार्वजनिक रूप से थप्पड़ मारना पड़ा था। इस घटना से काफी आक्रोश फैल गया था और जिम्मेदार स्कूल अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन हुआ था।

READ ALSO  पंजाब में सड़क दुर्घटना में चार लॉ स्टूडेंट्स की जान चली गयी
Ad 20- WhatsApp Banner

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles