वर्चुअल सुनवाई के दौरान बीयर पीने के आरोप पर गुजरात हाईकोर्ट ने वरिष्ठ वकील के खिलाफ स्वतः संज्ञान लेते हुए अवमानना कार्यवाही शुरू की

गुजरात हाईकोर्ट ने सोमवार को वर्चुअल सुनवाई के दौरान बीयर पीने के आरोप में एक वरिष्ठ वकील के खिलाफ स्वतः संज्ञान (सुओ मोटो) लेते हुए अदालत की अवमानना की कार्यवाही शुरू कर दी है। एक वीडियो क्लिप में कथित रूप से वकील को 26 जून को न्यायमूर्ति संदीप भट्ट के समक्ष पेश होते हुए मग से बीयर पीते देखा गया।

न्यायमूर्ति ए.एस. सूपहिया और आर.टी. वचछानी की खंडपीठ ने इस व्यवहार को “अशोभनीय” बताते हुए कहा कि जब तक अगला आदेश पारित नहीं होता, तब तक संबंधित वकील को उनके समक्ष वर्चुअल माध्यम से पेश होने की अनुमति नहीं दी जाएगी। पीठ ने यह भी कहा कि ऐसा आचरण न्यायिक संस्था की गरिमा को ठेस पहुँचाने वाला है।

READ ALSO  दो अलग-अलग आदेशों के खिलाफ एक रिट अपील दायर की जा सकती हैः हाईकोर्ट

“जब तक अगला आदेश पारित नहीं होता, हम संबंधित वकील को इस पीठ के समक्ष वर्चुअल माध्यम से उपस्थित होने से प्रतिबंधित करते हैं,” कोर्ट के आदेश में कहा गया। इसके साथ ही रजिस्ट्री को निर्देश दिया गया कि इस आदेश की जानकारी माननीय मुख्य न्यायाधीश को दी जाए और यदि अनुमति मिले तो अन्य पीठों को भी यह आदेश प्रेषित किया जाए।

Video thumbnail

कोर्ट ने आगे कहा कि यह कृत्य पेशेवर नैतिकता की सीमाओं से परे जाकर संस्था की नींव को प्रभावित करता है:

“इस संस्थान की गरिमा और प्रतिष्ठा को ठेस पहुँचाने वाला यह अमर्यादित आचरण यदि नजरअंदाज किया गया, तो यह कानून के शासन के लिए विनाशकारी होगा और संस्था के विघटन का कारण बन सकता है।”

पीठ ने यह भी उल्लेख किया कि इस प्रकार का आचरण बार के युवा वकीलों को प्रभावित करता है, जो वरिष्ठ अधिवक्ताओं को मार्गदर्शक और आदर्श मानते हैं:

READ ALSO  इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद में सुनवाई के लिए 16 अक्टूबर की तिथि निर्धारित की

“ऐसा आचरण नि:संदेह युवा वकीलों को प्रभावित करता है, क्योंकि बार वरिष्ठ वकीलों को एक आदर्श और मेंटर के रूप में देखता है। यह आचरण वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में प्रदत्त विशेषाधिकार को अपवित्र करता है।”

कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए रजिस्ट्री को स्वतः संज्ञान लेकर अवमानना याचिका दर्ज करने का निर्देश दिया। साथ ही यह भी कहा गया कि वरिष्ठ अधिवक्ता की उपाधि पर पुनर्विचार किया जाएगा

READ ALSO  दिल्ली हाईकोर्ट  ने लैंडफिल साइटों के पास डेयरी फार्मों पर चिंता जताई

कोर्ट ने रजिस्ट्री को निर्देश दिया है कि वीडियो को सुरक्षित रखा जाए, वकील को नोटिस जारी किया जाए, और अगली सुनवाई की तिथि पर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। मामला दो सप्ताह बाद पुनः सूचीबद्ध किया जाएगा।

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles