कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय की ओर से एक महत्वपूर्ण अपडेट में, राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) में न्यायिक और तकनीकी सदस्यों की एक नई सूची नियुक्त की गई है, जो तत्काल प्रभाव से लागू होगी। यह कदम कॉर्पोरेट मामलों से संबंधित कानूनी कार्यवाही की प्रभावकारिता को बढ़ाने के उद्देश्य से एक नियमित प्रशासनिक फेरबदल का हिस्सा है।
नए नियुक्त सदस्य कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 408 द्वारा निहित शक्तियों के अनुसार अपने पद ग्रहण करेंगे। वे पाँच वर्ष की अवधि या 65 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो, तक सेवा करेंगे।
न्यायमूर्ति ज्योत्सना शर्मा और श्री सुनील कुमार अग्रवाल न्यायिक सदस्यों की भूमिका निभाने वाले उल्लेखनीय नियुक्तियों में से हैं। उनकी व्यापक कानूनी पृष्ठभूमि से जटिल कॉर्पोरेट विवादों को सुलझाने के न्यायाधिकरण के कार्य में महत्वपूर्ण योगदान मिलने की उम्मीद है।
तकनीकी मोर्चे पर, सुश्री रीना सिन्हा पुरी और सुश्री कविता भटनागर तकनीकी सदस्यों के रूप में अपनी भूमिकाएँ संभालेंगी। कॉरपोरेट कानून में उनकी विशेषज्ञता न्यायाधिकरण की तकनीकी समीक्षा और निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में सूक्ष्म दृष्टिकोण लाने की उम्मीद है।
ये नियुक्तियाँ ऐसे महत्वपूर्ण समय में हुई हैं जब NCLT कॉरपोरेट दिवालियापन मामलों में उछाल को संभाल रहा है, जो आर्थिक सुधारों के बीच व्यापार क्षेत्र में चल रहे समायोजन को दर्शाता है।
नियुक्तियों का उद्देश्य जटिल कानूनी और तकनीकी मामलों से निपटने में NCLT की क्षमताओं को मजबूत करना है, जिससे कार्यवाही को सुव्यवस्थित किया जा सके और मामलों के लंबित मामलों को कम किया जा सके।