गुजरात- सूरत में फर्जी डिग्री बनाने वालों का भंडाफोड़ हुआ है। अड़ाजण स्थित एजुकेशन सेंटर में नकली डिग्री के आधार पर कई छात्र छात्राओं से लाखों रुपए ऐंठे गए।
जब बार कॉउन्सिल ने इस फर्जीवाड़े को पकड़ा तो कई लड़के लड़कियों के चेहरों की हवाइयां उड़ गई। उन्होंने बताया कि झांसे में आकर फर्जी डिग्री हासिल कर ली। लेकिन वीएनएसजीयू को तो इस डिग्री की जांच करनी चाहिए थी।
वही फर्जी डिग्री का गोरख धंधा करने वाला सेंटर संचालक फरार है।
डिग्री के फर्जीवाड़े में फसे सूरत और सौराष्ट्र के 14 छात्रों के खिलाफ अहमदाबाद के सोलापुर थाने में आइपीसी की धारा 420,465,467,468,471 और 114 के तहत मामला दर्ज कराया गया है।
छात्रों का कहना है कि 12 वीं पास करने के बाद ग्रेजुएशन करना था। लेकिन नौकरी की भी आवश्यकता थी। तभी किसी ने बताया कि अंदाजण स्थित ग्रीन प्लाजा कॉम्पेक्स में अक्षर एजुकेशन सेंटर नाम की संस्था ग्रेजुएशन कराती है।
सेंटर पर भावेश और राहुल चौधरी नाम के युवक रहा करते थे। जो कि परीक्षा पास कराने की गारंटी देते थे। इस कारण वहाँ से डिग्री ली। जब मार्कशीट आई तो यूनिवर्सिटी ने भी उसकी जाँच पड़ताल नही की।
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फिलहाल राहुल चौधरी और भावेश पटेल सेंटर बंद कर फरार है। उर्वशी खौलीया नाम की छात्रा ने बताया कि मैंने नौकरी करने के साथ ग्रेजुएशन करने का फैसला किया था। लेकिन किसी अप्रूव्ड डिस्टेंस लर्निंग सेंटर की जगह एक कोचिंग सेंटर जैसी जगह पर एडमिशन ले लिया। उस सेंटर के संचालक ने दावा किया कि जो डिग्री तुम्हे दी जाएगी वह पूरी तरह से ओरिजिनल होगी। जिसके लिए बाकायदा क्लासेज़ लगाकर तीन साल बाद डिग्री दी गई।
उस डिग्री से मैंने वीर नर्मद यूनिवर्सिटी से एलएलबी की पढ़ाई भी पूरी कर ली। लेकिन जब गुजरात बार कॉउन्सिल से सनद पाने के लिए अप्लाई किया तब जाकर इस बात का खुलासा हुआ कि डिग्री फर्जी है। फिलहाल पुलिस जांच में जुटी है।