भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ ने एक इंटरव्यू में चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि कर्नाटक हाईकोर्ट के एक जज ने मुस्लिम बहुल इलाके को “पाकिस्तान” कह दिया था, जिसके बाद उन्होंने खुद स्वतः संज्ञान लेकर कार्रवाई की थी।
लल्लनटॉप को दिए इंटरव्यू में चंद्रचूड़ ने कहा, “जहां तक मुझे याद है, कर्नाटक हाईकोर्ट में मोटर वाहन अधिनियम से जुड़े एक मामले की सुनवाई हो रही थी। उस दौरान एक जज ने कहा—‘इस पुल के आगे जो जगह है वह पाकिस्तान है।’ मैंने इसका वीडियो देखा। इसके बाद मैंने स्वतः संज्ञान लिया और पांच जजों की एक बेंच गठित की। मैंने कहा कि किसी हाईकोर्ट के जज द्वारा भारत के किसी हिस्से को पाकिस्तान कहना बिल्कुल गलत है। हमने नोटिस जारी कर सच्चाई जानी।”
‘जज की बातों और फैसलों में गरिमा होनी चाहिए’
जांच में यह बात सामने आई कि जज ने वास्तव में ऐसी टिप्पणी की थी। इसके बाद चंद्रचूड़ ने एक संक्षिप्त आदेश पारित किया। उन्होंने कहा, “मैंने निर्णय दिया कि किसी जज को ऐसी बात नहीं कहनी चाहिए। आप जो बोलते हैं या जो फैसले सुनाते हैं, उसमें गरिमा होनी चाहिए। इसका समाज पर असर पड़ता है।”

जस्टिस यशवंत वर्मा विवाद पर भी बोले
इंटरव्यू के दौरान चंद्रचूड़ से यह भी पूछा गया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के दिल्ली स्थित आवास से बड़ी मात्रा में नकदी बरामद होने के मामले पर उनकी क्या राय है।
उन्होंने कहा कि इस मामले में एफआईआर जरूर दर्ज होनी चाहिए थी, लेकिन साथ ही जज को पूरा सुनवाई का अवसर भी मिलना चाहिए। चंद्रचूड़ ने कहा, “क्या पैसे उनके थे, क्या उनके घर से मिले थे? आइए जज को पूरी सुनवाई का अवसर दिए जाने से पहले कोई निष्कर्ष न निकालें।”
उन्होंने यह भी कहा कि ऊँचे संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को टिप्पणी करते समय संयम बरतना चाहिए। “एक एफआईआर दर्ज होनी चाहिए थी, लेकिन साथ ही यह भी ज़रूरी है कि जज को अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाए,” पूर्व सीजेआई ने कहा।