एक महत्वपूर्ण न्यायिक नियुक्ति में, भारत सरकार ने न्यायमूर्ति डॉ. बिद्युत रंजन सारंगी को झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के पद पर पदोन्नत किया है, जो वर्तमान में उड़ीसा हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में कार्यरत हैं। यह घोषणा आज विधि एवं न्याय मंत्रालय द्वारा आधिकारिक रूप से की गई।
न्यायमूर्ति सारंगी, जो अपनी विशिष्ट कानूनी सूझबूझ और न्यायपालिका में व्यापक अनुभव के लिए जाने जाते हैं, न्यायमूर्ति रवि रंजन का स्थान लेंगे, जो हाल ही में सेवानिवृत्त हुए हैं। उनकी नियुक्ति ऐसे महत्वपूर्ण समय पर हुई है, जब झारखंड हाईकोर्ट के सामने मामलों का एक बड़ा लंबित बोझ और अन्य प्रशासनिक चुनौतियाँ हैं।
न्यायमूर्ति सारंगी का न्यायपालिका में करियर उल्लेखनीय निर्णयों और कानूनी विद्वत्ता में योगदान के लिए जाना जाता है। उड़ीसा हाईकोर्ट में अपने कार्यकाल से पहले, उन्होंने संवैधानिक और वाणिज्यिक कानून में विशेषज्ञता के साथ एक वकील के रूप में एक सफल कार्यकाल पूरा किया था। हाईकोर्ट की पीठ में उनकी पदोन्नति को व्यापक रूप से सराहा गया, जो कानून की उनकी गहरी समझ और न्याय के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
सहकर्मियों और कानूनी विशेषज्ञों ने झारखंड हाईकोर्ट का प्रभावी ढंग से नेतृत्व करने की न्यायमूर्ति सारंगी की क्षमता पर भरोसा जताया है। उड़ीसा हाईकोर्ट के एक वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा, “डॉ. सारंगी की नियुक्ति न्यायपालिका के प्रति उनकी अनुकरणीय सेवा और समर्पण का प्रमाण है। हमें विश्वास है कि वे झारखंड हाईकोर्ट में महत्वपूर्ण सकारात्मक बदलाव लाएंगे।”
यह नियुक्ति अनुभवी और सक्षम न्यायाधीशों को नेतृत्व पदों पर नियुक्त करके न्यायपालिका को मजबूत करने के केंद्र के चल रहे प्रयासों को भी रेखांकित करती है। डॉ. सारंगी की विशेषज्ञता से झारखंड हाईकोर्ट की न्याय प्रक्रिया में तेजी लाने और समग्र दक्षता में सुधार करने में मदद मिलने की उम्मीद है।
न्यायमूर्ति सारंगी इस नई भूमिका को संभालने के लिए तैयार हैं, उड़ीसा हाईकोर्ट में उनके सहकर्मियों ने उन्हें शुभकामनाएं दी हैं। उनके योगदान का सम्मान करने और उन्हें गर्मजोशी से विदाई देने के लिए एक विदाई समारोह की योजना बनाई जा रही है।