जिला उपभोक्ता आयोग,जयपुर-द्वितीय ने ऑनलाइन टिकट बुकिंग के बाद भी उपभोक्ता को बस में यात्रा नहीं कराए जाने को सेवादोष करार देते हुए रोडवेज पर आठ हजार रुपए हर्जाना लगाया है। आयोग के अध्यक्ष ग्यारसी लाल मीणा व सदस्य श्रीचंद तेतरवाल ने यह आदेश मुकेश कुमार शर्मा के परिवाद पर दिए।
परिवाद में कहा गया कि परिवादी ने 5 सितंबर 2020 को एटीएम कार्ड के जरिए 287 रुपए का भुगतान कर 8 सितंबर को जयपुर से खेड़ली जाने के लिए दो टिकट बुक कराए। उसे सुबह 7.30 बजे की बस में 17 व 18 नंबर सीट दी गई। परिवादी व उसकी पत्नी सिंधी कैंप बस स्टैंड पहुंचे तो उनकी सीट पर अन्य व्यक्ति बैठे मिले। वहीं कंडेक्टर से पूछने पर उसने रिकॉर्ड में उनके टिकट का रिकॉर्ड नहीं होना बताया। नारायण सिंह बस स्टैंड पहुंचने पर भी टिकट संबंधी जानकारी नहीं मिली और उन्हें अन्य बस में 290 रुपए का भुगतान कर यात्रा करनी पडी। वहीं बाद में उन्होंने सिंधी कैंप पर इसकी शिकायत की, लेकिन रोडवेज ने उनके 287 रुपए नहीं लौटाए।
मामला उपभोक्ता अदालत में पहुंचने पर रोडवेज ने कहा कि 7 सितंबर को यूपी सरकार ने जयपुर से डीग शिड्यूल बंद कर दिया था, इसलिए 8 सितंबर को जयपुर से गोवर्धन का नया शेड्यूल किया था। इसलिए ऑनलाइन टिकट निरस्त किए थे और इसकी जानकारी परिवादी को एसएमएस के जरिए भेज दी थी। वहीं उसकी टिकट राशि रिफंड कर दी गई है। इस पर आयोग ने माना कि टिकिट बुकिंग के बाद भी परिवादी ने अन्य बस के जरिए यात्रा की और उसे परेशानी हुई है, इसलिए वे रोडेवेज से हर्जाना लेने के हकदार हैं।