दिल्ली पुलिस को पूर्व आईएएस प्रोबेशनर पूजा खेडकर के विकलांगता प्रमाण पत्र में जालसाजी का संदेह है

दिल्ली पुलिस ने दिल्ली हाईकोर्ट को सूचित किया कि पूर्व आईएएस प्रोबेशनर पूजा खेडकर की जांच में उनके विकलांगता प्रमाण पत्र में संभावित जालसाजी का पता चला है। यह खुलासा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका के संबंध में सुनवाई के दौरान हुआ, जो अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और विकलांग व्यक्तियों के लिए आरक्षण लाभों का दुरुपयोग करने के आरोपों से जुड़ी है।

अनुचित कोटा लाभ उठाकर धोखाधड़ी करने के आरोपों का सामना करने वाली खेडकर ने 2022 और 2023 की सिविल सेवा परीक्षाओं के लिए दो विकलांगता प्रमाण पत्र जमा किए थे। हालांकि, महाराष्ट्र के अहमदनगर में “जारी करने वाले चिकित्सा प्राधिकरण” ने विसंगतियों को चिह्नित किया है। इसने बताया कि चलने-फिरने में अक्षमता, सुनने में कमी और कम दृष्टि दिखाने वाला प्रमाण पत्र “सिविल सर्जन कार्यालय रिकॉर्ड” से मेल नहीं खाता था, जिससे दस्तावेज़ के जाली और मनगढ़ंत होने का संदेह पैदा हो गया।

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यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब खेडकर की कानूनी परेशानियां लगातार बढ़ रही हैं। 31 जुलाई को संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने 2022 की UPSC सिविल सेवा परीक्षा में आरक्षण लाभ प्राप्त करने के लिए गलत जानकारी देने के आरोपों के बाद उनकी उम्मीदवारी रद्द करने और उन्हें भविष्य की परीक्षाओं से प्रतिबंधित करने का कठोर कदम उठाया।

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दिल्ली पुलिस और UPSC दोनों ने खेड़कर की गिरफ्तारी-पूर्व जमानत की याचिका को खारिज करने की सिफारिश की है, जिसमें तर्क दिया गया है कि कथित धोखाधड़ी की सीमा को उजागर करने के लिए उनसे हिरासत में पूछताछ आवश्यक है। पुलिस का दावा है कि उन्हें राहत देने से उनकी जांच में बाधा आएगी, जिसे वे “गहरी साजिश” के रूप में वर्णित करते हैं, जिसका जनता के विश्वास और सिविल सेवा परीक्षा प्रक्रिया की अखंडता पर व्यापक प्रभाव पड़ता है।

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मामले की अगली सुनवाई 5 सितंबर को होनी है, जहां अदालत गिरफ्तारी से खेड़कर की अंतरिम सुरक्षा के विस्तार की भी समीक्षा करेगी।

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