दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को पूर्व भारतीय क्रिकेटर और मशहूर कमेंटेटर सुनील गावस्कर के व्यक्तित्व अधिकारों की सुरक्षा करते हुए कई वेबसाइटों और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स को उनकी अनुमति के बिना उनके नाम, तस्वीरों या पहचान का व्यावसायिक इस्तेमाल करने से रोक दिया।
न्यायमूर्ति मनीत प्रीतम सिंह अरोड़ा ने अंतरिम आदेश पारित करते हुए स्पष्ट किया कि सुनील गावस्कर की पहचान, छवि और व्यक्तित्व से जुड़े तत्वों का दुरुपयोग न केवल अवैध है, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डीपफेक तकनीक के जरिए ऐसा करना और भी गंभीर मामला है। अदालत ने इंटरनेट पर मौजूद कुछ अश्लील सामग्री को हटाने का भी निर्देश दिया, जिसमें गावस्कर के नाम या तस्वीरों का गलत इस्तेमाल किया गया था।
हाई कोर्ट ने आदेश दिया कि जिन वेबसाइटों पर आपत्तिजनक सामग्री मौजूद है, वे संबंधित URLs को 72 घंटे के भीतर हटाएं। अदालत ने यह भी कहा कि यदि वेबसाइटें तय समयसीमा में कार्रवाई नहीं करती हैं, तो संबंधित सोशल मीडिया मध्यस्थों की जिम्मेदारी होगी कि वे उस सामग्री को हटाएं।
मामले की अगली सुनवाई 22 मई को तय की गई है।
सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि पहले दिए गए निर्देशों के बाद कुछ सामग्री हटाई गई है, लेकिन कई आपत्तिजनक लिंक अब भी ऑनलाइन उपलब्ध हैं। इसी को देखते हुए कोर्ट ने सख्त अंतरिम आदेश पारित किए।
इससे पहले, 12 दिसंबर को दिल्ली हाई कोर्ट ने सुनील गावस्कर की याचिका पर सोशल मीडिया मध्यस्थों को सात दिनों के भीतर कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। तब अदालत ने गावस्कर के वकील से कहा था कि वे पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के सामने अपनी शिकायत रखें। साथ ही कोर्ट ने निर्देश दिया था कि इस याचिका को सूचना प्रौद्योगिकी (इंटरमीडियरी गाइडलाइंस और डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड) नियम, 2021 के तहत शिकायत माना जाए और आवश्यक कदम उठाए जाएं।
सुनील गावस्कर ने हाई कोर्ट का रुख करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और ई-कॉमर्स वेबसाइटों को उनके नाम, छवि, पहचान और व्यक्तित्व के अनधिकृत उपयोग से रोकने की मांग की थी। उनका कहना था कि इस तरह का दुरुपयोग उनके व्यक्तित्व और प्रचार अधिकारों का उल्लंघन है।
व्यक्तित्व अधिकार, जिन्हें प्रचार अधिकार भी कहा जाता है, किसी व्यक्ति को यह अधिकार देते हैं कि वह अपने नाम, तस्वीर, आवाज या पहचान के उपयोग को नियंत्रित कर सके और उससे लाभ प्राप्त कर सके।
यह मामला उन कई याचिकाओं की कड़ी में है, जिनमें हाल के महीनों में कई चर्चित हस्तियों ने अपनी पहचान के डिजिटल दुरुपयोग के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इससे पहले अभिनेत्री ऐश्वर्या राय बच्चन, अभिषेक बच्चन, जया बच्चन, ऋतिक रोशन, अजय देवगन, आर. माधवन, फिल्ममेकर करण जौहर, गायक कुमार सानू, तेलुगु अभिनेता अक्किनेनी नागार्जुन, ‘आर्ट ऑफ लिविंग’ के संस्थापक श्री श्री रवि शंकर, पत्रकार सुधीर चौधरी और पॉडकास्टर राज शमानी को भी अंतरिम राहत मिल चुकी है।
इसके अलावा अभिनेता सलमान खान, तेलुगु अभिनेता एनटीआर जूनियर और आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने भी अपने व्यक्तित्व अधिकारों की सुरक्षा के लिए दिल्ली हाई कोर्ट में याचिकाएं दायर की हैं।

