दिल्ली हाईकोर्ट ने मीठे हेज़लनट कोको स्प्रेड नुटेला बनाने वाली कंपनी फेररो एसपीए (Ferrero SpA) को सुझाव दिया है कि वह जब्त किए गए नकली कांच के जारों का उपयोग अपने उत्पाद भरकर गरीबों को भोजन कराने वाली गैर-सरकारी संस्थाओं (NGOs) को दान देने के लिए कर सकती है। कोर्ट ने इसे कंपनी की कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) पहल के तहत एक उपयोगी कदम बताया।
न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा ने यह टिप्पणी करते हुए निर्देश दिया कि नुटेला के जारों की नकल कर उन्हें बनाने और बेचने वाले प्रतिवादी जब्त किए गए सभी जार वादी कंपनी फेररो को सौंपें। अदालत ने रिकॉर्ड पर रखा कि 3.05 लाख से अधिक जब्त जारों का मूल्य लगभग ₹62.84 लाख आंका गया है।
अदालत ने अपने नवंबर में पारित आदेश में कहा,
“यदि वादी कंपनी खुदरा बिक्री के लिए इन जारों का उपयोग नहीं करना चाहती है, तो वह अपने उत्पाद इन जारों में भरकर गरीबों को भोजन कराने वाली NGOs को दान देने पर विचार कर सकती है, जो उसकी CSR पहल का हिस्सा हो सकता है।”
हाईकोर्ट ने प्रतिवादियों को यह भी निर्देश दिया कि उनके परिसरों से जब्त की गई अन्य सभी पैकेजिंग सामग्री को चार सप्ताह के भीतर नष्ट किया जाए।
यह आदेश इटली की फेररो एसपीए द्वारा दायर याचिका पर पारित किया गया, जिसमें नुटेला ट्रेडमार्क के उल्लंघन और उसी नाम से नकली उत्पादों की बिक्री (पासिंग ऑफ) का आरोप लगाया गया था। कंपनी का कहना था कि प्रतिवादी नुटेला के असली कांच के जारों जैसी दिखने वाली लगभग समान खाली बोतलें तैयार कर रहे थे और उन्हें बेच रहे थे।
मामले की सुनवाई के दौरान प्रतिवादियों ने स्वीकार किया कि वे इन नुटेला कांच के जारों को अपनी वेबसाइट और तीसरे पक्ष के ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर बिक्री के लिए पेश कर रहे थे।
फेररो एसपीए ने हाईकोर्ट से स्थायी निषेधाज्ञा की मांग की थी, ताकि प्रतिवादियों को नुटेला के पंजीकृत ट्रेडमार्क, कांच के जारों की डिजाइन और विशिष्ट लेबल के उल्लंघन तथा नकली उत्पादों की बिक्री से रोका जा सके।
कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि प्रतिवादी कंपनी को ₹10 लाख का भुगतान करें, इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि उन्होंने 2023 में मुकदमा दायर होने के समय प्रारंभ में इसका विरोध किया था।
हालांकि, अदालत ने स्पष्ट किया कि रिकॉर्ड पर ऐसा कोई सामग्री नहीं है जिससे यह साबित हो कि प्रतिवादियों ने नुटेला के नकली तैयार उत्पादों की बिक्री के लिए किसी तीसरे पक्ष के साथ मिलीभगत की हो। अदालत ने कहा,
“इस वाद में प्रतिवादी संख्या 1 से 3 द्वारा नुटेला के नकली तैयार उत्पादों की बिक्री से संबंधित कोई भी प्रमाण उपलब्ध नहीं है।”

