दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि वह दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) के पूर्व अध्यक्ष रोनक खत्री को मिली जान से मारने की धमकियों के मामले में उनकी सुरक्षा संबंधी याचिका पर तुरंत कार्रवाई करे।
खत्री ने अदालत में याचिका दायर कर कहा था कि उन्हें यूक्रेन के एक फोन नंबर से धमकी भरे संदेश मिले हैं। संदेश भेजने वाले ने खुद को कुख्यात गैंगस्टर बताया और 5 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी। धमकी दी गई कि अगर रकम नहीं दी गई तो उसे जान से मार दिया जाएगा।
न्यायमूर्ति रवीन्द्र दुडेज़ा ने सुनवाई के दौरान कहा कि प्रत्येक नागरिक का जीवन सुरक्षित रखना राज्य का संवैधानिक दायित्व है। “चूंकि याचिकाकर्ता को अपने जीवन पर खतरा महसूस हो रहा है, इसलिए आउटर नॉर्थ के डीसीपी तथा स्पेशल सेल के डीसीपी को निर्देश दिया जाता है कि वे याचिकाकर्ता द्वारा की गई सुरक्षा की मांग पर शीघ्र निर्णय लें,” अदालत ने कहा।
अदालत ने आगे यह भी निर्देश दिया कि संबंधित बीट कांस्टेबल और थाना प्रभारी (SHO) को समझाया जाए कि वे याचिकाकर्ता के किसी भी कॉल पर तुरंत प्रतिक्रिया दें। साथ ही बीट कांस्टेबल को अगले दो हफ्तों तक नियमित रूप से खत्री से मिलकर उनकी सुरक्षा की स्थिति का जायजा लेने को कहा गया है।
दिल्ली पुलिस के स्थायी वकील संजय लाओ ने अदालत को बताया कि खत्री की सुरक्षा संबंधी अर्जी विशेष प्रकोष्ठ (Special Cell) के डीसीपी को भेज दी गई है, जो खतरे का मूल्यांकन कर आगे की कार्रवाई करेंगे।
खत्री की ओर से अधिवक्ता शौर्य विक्रम और ओभीरूप घोष ने दलील दी कि धमकी देने वाला व्यक्ति रोहित गोडारा गैंग से जुड़ा है, जो कई आपराधिक मामलों में संलिप्त है।
याचिका में कहा गया है कि गंभीर खतरे के बावजूद, पुलिस ने केवल 29 सितंबर को सीमित और अस्थायी सुरक्षा दी थी, जिसे अगले ही दिन हटा लिया गया। इसके बाद से खत्री ने कई बार पुलिस से सुरक्षा बहाल करने की अपील की, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
खत्री पिछले वर्ष दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) के अध्यक्ष थे और उन्होंने अपने तथा परिवार के लिए तत्काल और स्थायी पुलिस सुरक्षा की मांग की है।




