दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को विवादित फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स – कन्हैया लाल टेलर मर्डर’ की रिलीज के लिए केंद्र सरकार की मंजूरी को चुनौती देने वाली दो याचिकाओं पर सुनवाई 30 जुलाई के लिए निर्धारित की है।
मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने बुधवार को सुनवाई के लिए मामला सूचीबद्ध किया, जब याचिकाकर्ताओं में से एक की ओर से स्थगन का अनुरोध किया गया। संक्षिप्त सुनवाई के दौरान अदालत को यह भी सूचित किया गया कि फिल्म के निर्माताओं ने केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) से फिल्म की पुनः प्रमाणन के लिए आवेदन किया है, जिस पर जल्द विचार किया जाएगा।
यह याचिकाएं जमीअत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी और मोहम्मद जावेद — जो 2022 में उदयपुर के दर्जी कन्हैया लाल की हत्या के मामले में आरोपी हैं — द्वारा दाखिल की गई हैं। इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने निर्माताओं की उस याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि उन्होंने पहले ही 21 जुलाई को केंद्र द्वारा दी गई सशर्त मंजूरी स्वीकार कर ली है। इस मंजूरी में फिल्म में छह दृश्यों में कट और अस्वीकरण (डिस्क्लेमर) में संशोधन की शर्तें थीं।

‘उदयपुर फाइल्स’ फिल्म जून 2022 में दर्जी कन्हैया लाल की निर्मम हत्या पर आधारित है, जिसे कथित रूप से मोहम्मद रियाज़ और मोहम्मद गौस ने अंजाम दिया था। आरोपियों ने हत्या का वीडियो स्वयं रिकॉर्ड किया और कहा कि यह उस सोशल मीडिया पोस्ट का बदला था, जिसमें कन्हैया लाल ने बीजेपी की तत्कालीन निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा के समर्थन में टिप्पणी की थी। नूपुर शर्मा ने पैगंबर मोहम्मद को लेकर विवादास्पद टिप्पणी की थी।
इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) कर रही है और इसमें गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) और भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत आरोप तय किए गए हैं। फिलहाल यह मामला जयपुर की विशेष NIA अदालत में विचाराधीन है।