दिल्ली हाईकोर्ट ने कोविड सैंपल संग्रहण की एसओपी पर केंद्र से छह सप्ताह में स्टेटस रिपोर्ट मांगी

दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह कोविड-19 सैंपल संग्रहण, भंडारण और परिवहन के लिए बनाए गए मानक संचालन प्रक्रिया (SoPs) को लेकर हुई प्रगति की विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट छह सप्ताह के भीतर अदालत के समक्ष प्रस्तुत करे। यह आदेश न्यायमूर्ति अनीश दयाल ने 28 मई 2025 को डॉ. रोहित जैन द्वारा दायर अवमानना याचिका की सुनवाई के दौरान पारित किया।

मामले की पृष्ठभूमि:
यह अवमानना याचिका (CONT.CAS(C) 824/2024) हाईकोर्ट के 27 जनवरी 2023 के आदेश से संबंधित है, जो डब्ल्यूपी (सी) 1843/2019 में पारित किया गया था। इसके बाद याचिकाकर्ता ने 3 फरवरी 2023 को एक अभ्यावेदन दिया, जिसके आधार पर 30 मई 2023 को अतिरिक्त महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाएं की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई थी। कोर्ट के आदेश के अनुसार, उस बैठक में डॉ. रोहित जैन को भी आमंत्रित किया गया था।

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इस बैठक में पैथोलॉजी, बायोकैमिस्ट्री, हीमेटोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी क्षेत्रों के विशेषज्ञों की चार उप-समितियों का गठन करने का निर्णय लिया गया था। इन समितियों में केंद्र सरकार के अस्पतालों के विशेषज्ञ शामिल थे, जिन्हें सैंपल संग्रहण, संग्रहण केंद्रों, परिवहन नीति और भंडारण मानकों के लिए एसओपी तैयार करनी थी।

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अदालत की टिप्पणियाँ:
कोर्ट ने कहा कि बैठक के बाद क्या कदम उठाए गए, इस पर केंद्र की ओर से कोई जानकारी प्रस्तुत नहीं की गई है। न्यायालय ने कहा, “यह एक स्वीकृत तथ्य है कि 30 मई 2023 को बैठक हुई थी, लेकिन उसके परिणाम के बारे में कोई अपडेट प्रस्तुत नहीं किया गया।”

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हालांकि अदालत ने यह भी कहा कि “प्रथम दृष्टया यह अवमानना याचिका टिकाऊ न भी हो,” फिर भी बैठक के बाद ठोस कार्रवाई के अभाव में यह एक “गंभीर मुद्दा” है, विशेष रूप से इस पृष्ठभूमि में कि वर्तमान समय में कोविड-19 संक्रमण समुदाय में सक्रिय है।

न्यायमूर्ति दयाल ने टिप्पणी की, “हालांकि यह माना जा सकता है कि कुछ कदम उठाए गए होंगे और प्रोटोकॉल बने होंगे, लेकिन यह आवश्यक है कि प्रतिवादी उसे रिकॉर्ड पर रखे।” अदालत ने इसे तात्कालिकता का विषय बताते हुए कहा कि चूंकि कोविड-19 के फैलाव की खबरें व्यापक हैं, इसलिए सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बैठक में लिए गए निर्णयों को अमल में लाया गया हो।

सरकार को निर्देश:
कोर्ट ने केंद्रीय सरकारी स्थायी अधिवक्ता (CGSC) मोनिका अरोड़ा को निर्देश दिया कि वे व्यक्तिगत रूप से यह सुनिश्चित करें कि संबंधित अधिकारी कोर्ट के निर्देशों से अवगत हों और छह सप्ताह के भीतर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करें।

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मामले की अगली सुनवाई की तिथि 18 जुलाई 2025 तय की गई है।

प्रकरण विवरण:
मामला: डॉ. रोहित जैन बनाम श्री अपूर्व चंद्रा
अवमानना याचिका संख्या: CONT.CAS(C) 824/2024

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