दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार और व्हाट्सऐप से उस याचिका पर जवाब मांगा है, जिसमें एक सुप्रीम कोर्ट वकील ने अपने व्हाट्सऐप अकाउंट के निलंबन को चुनौती दी है। उनका कहना है कि अकाउंट बंद होने से उनके व्यक्तिगत और पेशेवर डाटा तक पहुंच बाधित हो गई।
न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY), संचार मंत्रालय और व्हाट्सऐप इंक को नोटिस जारी कर याचिकाकर्ता रोहित पांडे की याचिका पर जवाब दाखिल करने को कहा। पांडे सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व सचिव हैं।
याचिका में कहा गया है कि पांडे का व्हाट्सऐप अकाउंट “मनमाने और एकतरफ़ा तरीके” से, बिना किसी पूर्व सूचना के, निलंबित कर दिया गया। इस कारण वे अपने महत्वपूर्ण डाटा—जिसमें कानूनी ड्राफ्ट, मुवक्किलों से बातचीत और बार काउंसिल ऑफ़ दिल्ली (BCD) चुनाव से संबंधित सामग्री शामिल है—तक दोबारा पहुंच नहीं बना सके।
याचिका के अनुसार, अकाउंट निलंबन का यह कदम BCD चुनाव के महत्वपूर्ण समय में उनके पेशेवर कार्य, प्रचार अभियान और निष्पक्ष भागीदारी पर गंभीर असर डालता है।
पांडे ने यह भी कहा कि समीक्षा और पुनर्स्थापन के लिए किए गए कई अनुरोधों के बावजूद उन्हें किसी भी पक्ष से कोई जवाब नहीं मिला, जिससे वे किसी प्रभावी वैधानिक प्रतिकर से वंचित रह गए।
उन्होंने केंद्र सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देने की मांग की है कि डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर अकाउंट निलंबन या प्रतिबंध के मामलों में पर्याप्त सुरक्षा उपाय, नियामक निगरानी और प्रभावी शिकायत निवारण तंत्र उपलब्ध हो।

