दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार की अपील की सुनवाई 19 नवंबर के लिए स्थगित कर दी। उन्होंने 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े एक हत्या के मामले में अपनी सजा और दोषसिद्धि को चुनौती दी है।
यह मामला न्यायमूर्ति विवेक चौधरी और न्यायमूर्ति मनोज जैन की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध था, लेकिन पीठ के न बैठने के कारण सुनवाई नहीं हो सकी।
यह मामला 1 नवंबर 1984 को जसवंत सिंह और उनके पुत्र तरूणदीप सिंह की हत्या से संबंधित है। दिल्ली की एक निचली अदालत ने इस वर्ष 25 फरवरी को सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
अदालत ने सज्जन कुमार की उम्र और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उन्हें मृत्युदंड देने के बजाय उम्रकैद की सजा दी। अदालत ने कहा कि हालांकि “दो निर्दोष व्यक्तियों की हत्या” किसी भी दृष्टि से कम गंभीर अपराध नहीं है, लेकिन यह मामला “दुर्लभतम में दुर्लभ” श्रेणी में नहीं आता, इसलिए मृत्युदंड उपयुक्त नहीं होगा।
ट्रायल कोर्ट ने पाया कि सज्जन कुमार उस भीड़ का हिस्सा थे जिसने पीड़ितों के घर पर हमला कर उसे आग के हवाले किया, लूटपाट की और दोनों की हत्या कर दी। अदालत ने कहा कि यह मामला उसी घटनाक्रम का हिस्सा है जिसके लिए 17 दिसंबर 2018 को दिल्ली हाईकोर्ट ने कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
उस मामले में कुमार को पालम कॉलोनी में 1 और 2 नवंबर 1984 को पांच लोगों की हत्या के लिए दोषी पाया गया था। अदालत ने वर्तमान मामले में उन पर लगभग ₹2.4 लाख का जुर्माना भी लगाया था।
1984 के सिख विरोधी दंगों और उसके बाद की घटनाओं की जांच के लिए गठित नानावटी आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में कुल 587 एफआईआर दर्ज की गई थीं। दंगों में 2,733 लोगों की मौत हुई थी। इनमें से लगभग 240 एफआईआर को पुलिस ने “अनट्रेस्ड” बताकर बंद कर दिया, 250 मामलों में आरोपियों को बरी किया गया, और केवल 28 मामलों में दोषसिद्धि हुई, जिनमें लगभग 400 लोग दोषी ठहराए गए। करीब 50 लोगों को हत्या के अपराध में दोषी पाया गया, जिनमें सज्जन कुमार भी शामिल हैं।
कांग्रेस के प्रभावशाली नेता और तत्कालीन सांसद कुमार पर 1984 के दंगों से जुड़े कई मामलों में कार्रवाई जारी है। 2018 की दोषसिद्धि के खिलाफ उनकी अपील सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने सज्जन कुमार की अपील की सुनवाई के लिए 19 नवंबर की तारीख तय की है। यह अपील फरवरी 2025 में सुनाई गई सजा और दोषसिद्धि को चुनौती देने से संबंधित है।




