दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली डेवलपमेंट अथॉरिटी (DDA) को राजधानी के सदर बाजार इलाके में स्थित शाही ईदगाह के खिलाफ कोई कार्रवाई न करने का निर्देश दिया है। यह मामला दिसंबर 2024 में धार्मिक आयोजन के लिए पार्क के उपयोग को लेकर उठा था।
न्यायमूर्ति विकास माहाजन ने शाही ईदगाह प्रबंधन समिति की याचिका पर DDA को नोटिस जारी किया और जवाब मांगा। कोर्ट ने कहा कि चूंकि वक्फ ट्रिब्यूनल फिलहाल काम नहीं कर रहा है और याचिकाकर्ता ने वहां पहले ही मामला दायर किया है, इसलिए DDA को फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं करनी चाहिए।
कोर्ट ने कहा, “वक्फ ट्रिब्यूनल के गैर-कार्यशील होने को ध्यान में रखते हुए, जहां याचिकाकर्ता ने वाद दायर किया है, निर्देश दिया जाता है कि DDA अपने 11 फरवरी 2025 के नोटिस के तहत कोई कार्रवाई न करे।” अगली सुनवाई 10 सितंबर को होगी।

DDA ने 11 फरवरी को भेजे नोटिस में ईदगाह के पास स्थित पार्क में दिसंबर 2024 में आयोजित इज्तेमा धार्मिक कार्यक्रम के लिए ₹12 लाख की मांग की थी। याचिकाकर्ता के वकील ने दावा किया कि यह पार्क ईदगाह परिसर का हिस्सा है और DDA का उस पर कोई अधिकार नहीं है।
वहीं DDA के वकील ने कहा कि इससे पहले हाईकोर्ट के एकल न्यायाधीश ने इस पार्क पर DDA के स्वामित्व को मान्य किया था, जब याचिकाकर्ता ने वहां महारानी लक्ष्मीबाई की प्रतिमा स्थापित करने की अनुमति मांगी थी। हालांकि, याचिकाकर्ता ने उस आदेश को डिवीजन बेंच में चुनौती दी थी, जहां सभी पक्षों की दलीलों को खुला छोड़ा गया था।
याचिकाकर्ता के वकील ने यह भी तर्क दिया कि एकल न्यायाधीश को पार्क के स्वामित्व पर फैसला देने का अधिकार नहीं था और डिवीजन बेंच ने उस निर्णय को पुष्ट नहीं किया।