दिल्ली हाईकोर्ट ने पड़ोसियों के बीच पालतू कुत्तों की देखभाल को लेकर हुए झगड़े के बाद दर्ज दो एफआईआर को रद्द कर दिया। अदालत ने कहा कि यह विवाद “निजी प्रकृति” का था और आपसी समझौते से सुलझाया जाना ही उचित है।
जस्टिस अरुण मोंगा ने 20 अगस्त के आदेश में दोनों पक्षों को यूनिटी फॉर स्ट्रे एनिमल फाउंडेशन द्वारा संचालित कुत्ता शेल्टर को 10-10 हजार रुपये अदा करने का निर्देश दिया और टिप्पणी की कि यह समझौता “अपने पालतू जानवरों के प्यार में” किया गया है।
अदालत ने कहा कि रोज़ाना टहलाने के दौरान हुई मामूली कहासुनी ने अनावश्यक रूप से तूल पकड़ लिया और दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर मारपीट, धमकी और बदसलूकी के आरोप लगाते हुए एफआईआर और क्रॉस-एफआईआर दर्ज करा दी। जस्टिस मोंगा ने कहा, “आपराधिक कार्यवाही को जारी रखना किसी काम का नहीं होगा, बल्कि यह कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग होगा। एफआईआर रद्द करने से पड़ोसियों के बीच सौहार्द और मित्रता बढ़ेगी।”

यह मामला वर्ष 2024 की घटना से संबंधित था, जिसमें झगड़े को लेकर दोनों पक्षों ने अलग-अलग एफआईआर दर्ज कराई थी। बाद में उनके वकीलों ने अदालत को बताया कि विवाद एक “गंभीर गलतफहमी” के कारण हुआ था और अब मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग के ज़रिये सौहार्दपूर्वक सुलझा लिया गया है।
समझौते को स्वीकार करते हुए अदालत ने कहा, “यह सब कुछ, अपने प्यारे पालतुओं के नाम पर हुआ। निस्संदेह, यह एक ऐसा मामला है जो ‘फॉर द लव ऑफ डॉग्स’ की परिभाषा ही बदल देता है।”
एफआईआर रद्द करते हुए अदालत ने आदेश दिया कि दोनों पड़ोसी 10-10 हजार रुपये कुत्ता शेल्टर को अदा करें ताकि इस समझौते से पशुओं के कल्याण को भी लाभ मिले।