दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद महुआ मोइत्रा और अधिवक्ता जय आनंद देहाद्रई को पालतू कुत्ते की कस्टडी को लेकर चल रहे विवाद को अदालत से बाहर आपसी सहमति से सुलझाने की सलाह दी।
न्यायमूर्ति मनोज जैन ने देहाद्रई की अपील पर मोइत्रा को नोटिस जारी किया और कहा, “आप दोनों क्यों नहीं बैठकर इस मसले को अदालत के बाहर ही हल कर लेते?”
मामला एक रॉटविलर नस्ल के कुत्ते “हेनरी” की कस्टडी को लेकर है। जानकारी के अनुसार, मोइत्रा ने ट्रायल कोर्ट में एक वाद दायर कर पालतू कुत्ते की संयुक्त कस्टडी की मांग की थी।

इसके जवाब में देहाद्रई ने ट्रायल कोर्ट के एक एक्स-पार्टी आदेश को चुनौती दी, जिसमें निर्देश दिया गया था कि “वर्तमान कार्यवाही को किसी भी प्रकार से सार्वजनिक नहीं किया जाएगा।”
देहाद्रई ने दलील दी कि यह आदेश एक “व्यापक गैग ऑर्डर” है, जिसके कारण उन्हें यह तक कहने से रोका गया कि मोइत्रा ने उनके खिलाफ मुकदमा दायर किया है। उन्होंने कहा कि इस आदेश से उन्हें सार्वजनिक रूप से मुकदमे के अस्तित्व की जानकारी देने तक से रोका गया है।
बताया जाता है कि मोइत्रा और देहाद्रई पहले रिश्ते में थे लेकिन बाद में उनका अलगाव हो गया। इसके बाद कुत्ते की कस्टडी को लेकर यह विवाद कानूनी लड़ाई का रूप ले चुका है।
हाईकोर्ट ने अब मोइत्रा से देहाद्रई की अपील पर जवाब मांगा है और यह भी स्पष्ट किया कि इस तरह के निजी विवाद आपसी बातचीत और समझौते से ही बेहतर तरीके से निपटाए जा सकते हैं।