दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को भाजपा से निष्कासित नेता कुलदीप सिंह सेंगर को आंख की सर्जरी कराने के लिए 4 फरवरी तक अंतरिम जमानत दे दी। दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा और हरीश वैद्यनाथन शंकर ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में चिकित्सा प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए उनकी सजा को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया।
अदालत ने निर्धारित किया कि उन्नाव बलात्कार मामले में दोषी सेंगर को 5 फरवरी तक जेल अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण करना होगा। यह निर्णय सेंगर के वकील द्वारा प्रस्तुत चिकित्सा तात्कालिकता पर विचार करने के बाद आया, जिन्होंने कहा कि अनियंत्रित परिस्थितियों के कारण सर्जरी पहले से निर्धारित तिथि से विलंबित हो गई थी।
पीठ ने अपने आदेश में विस्तार से बताया, “हमारा मानना है कि आवेदक की चिकित्सा प्रक्रिया के उद्देश्य से सजा को निलंबित किया जाना चाहिए, जो 4 फरवरी, 2025 के लिए तय की गई है, जो 20 दिसंबर, 2024 के आदेश में निर्धारित शर्तों के अधीन है। आवेदक को 5 फरवरी को जेल अधीक्षक के समक्ष आत्मसमर्पण करना होगा।”
सेंगर के लिए अंतरिम जमानत एक आवर्ती भत्ता है, जिसे पहले भी इसी सर्जरी के लिए इसी तरह का निलंबन दिया गया था। हालांकि, इस विस्तार की याचिका को पीड़िता के वकील के विरोध का सामना करना पड़ा, जिन्होंने अंतरिम जमानत को अनिश्चित काल के लिए दिए जाने के खिलाफ तर्क दिया।