दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला की पुत्री और इंडियन रेलवे पर्सोनल सर्विस (IRPS) अधिकारी अंजलि बिड़ला द्वारा सोशल मीडिया पर प्रसारित आपत्तिजनक पोस्टों के खिलाफ दायर मानहानि मुकदमे की कार्यवाही समाप्त कर दी।
न्यायमूर्ति ज्योति सिंह ने अंजलि बिड़ला के पक्ष में डिक्री जारी की। यह मुकदमा X कॉर्प (पूर्व में ट्विटर), गूगल और अज्ञात व्यक्तियों (John Doe) के खिलाफ दायर किया गया था। याचिका में सोशल मीडिया पोस्टों को हटाने की मांग की गई थी, जिनमें आरोप लगाया गया था कि अंजलि बिड़ला ने अपने पिता के प्रभाव का उपयोग कर UPSC परीक्षा पास कर अधिकारी का पद प्राप्त किया है।
अंजलि बिड़ला के वकील ने अदालत में स्पष्ट किया कि उन्होंने 2019 की कंसोलिडेटेड रिजर्व लिस्ट में UPSC सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण कर भारतीय रेलवे में IRPS अधिकारी के रूप में नियुक्ति प्राप्त की थी।
हाईकोर्ट ने जुलाई 2024 में पारित अंतरिम आदेश में X कॉर्प और गूगल को उक्त आपत्तिजनक पोस्ट हटाने का निर्देश दिया था और अज्ञात व्यक्तियों को ऐसे किसी भी सामग्री को साझा या पुनः पोस्ट करने से रोक दिया था।
ताजा सुनवाई में X कॉर्प के वकील ने अदालत को सूचित किया कि 16 में से 12 पोस्ट स्वयं उनके मूल पोस्ट करने वालों द्वारा हटा दी गई हैं, जबकि शेष चार पोस्ट को कंपनी ने अंतरिम आदेश का पालन करते हुए ब्लॉक कर दिया है।
अदालत ने X कॉर्प को शेष पोस्ट भी हटाने और भविष्य में यदि अंजलि बिड़ला द्वारा कोई और पोस्ट चिन्हित की जाती है, तो उन्हें भी तुरंत हटाने का निर्देश दिया।
अदालत ने पहले ही टिप्पणी की थी, “2024 में पोस्ट की गई सोशल मीडिया सामग्री और उसमें प्रयुक्त भाषा प्रथमदृष्टया दुर्भावनापूर्ण प्रतीत होती है। अधिकारी की 2021 में IRPS में नियुक्ति हुई थी और पोस्ट बिना सत्यापन के डाली गई हैं।”
बिड़ला के वकील ने दलील दी कि ये आरोप झूठे और मानहानिकारक हैं, जो उनकी और उनके पिता, जो एक वरिष्ठ संवैधानिक पदाधिकारी हैं, की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के इरादे से लगाए गए हैं। वकील ने यह भी बताया कि वर्ष 2021 में भी इसी तरह के आरोप लगे थे, जिन्हें मीडिया जांच के बाद खारिज कर दिया गया था।
वकील ने कहा, “हाल ही में NEET और UPSC परीक्षाओं से जुड़े विवाद के चलते इन झूठे आरोपों की नई लहर आई है, जिससे यह गलत धारणा बनाई गई कि मेरी मुवक्किल और उनके परिवार का इससे कोई संबंध है। निजी तस्वीरों का गलत उपयोग कर सोशल मीडिया पर झूठा दावा किया गया कि वह मॉडल हैं।”