दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को भारतीय मुक्केबाज़ी महासंघ (बीएफआई) को 21 अगस्त को प्रस्तावित चुनाव कराने की अनुमति दी, लेकिन स्पष्ट किया कि पूरी प्रक्रिया लंबित कानूनी कार्यवाही के परिणाम पर निर्भर रहेगी।
न्यायमूर्ति मिन्नी पुष्कर्णा ने हिमाचल प्रदेश बॉक्सिंग एसोसिएशन, मध्य प्रदेश एमेच्योर बॉक्सिंग एसोसिएशन और गुजरात बॉक्सिंग एसोसिएशन की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा कि अदालत इस चरण पर चुनावों को अपनी स्वीकृति नहीं दे रही है। इन संघों ने बीएफआई की अंतरिम समिति द्वारा चुनाव कराने के फैसले और नये संविधान की वैधता को चुनौती दी है।
न्यायमूर्ति पुष्कर्णा ने टिप्पणी की, “ये चुनाव 21 अगस्त को हो रहे हैं। मैं मामले को अंतिम रूप से सुनूंगी, टुकड़ों में नहीं। आप (बीएफआई) अपने चुनाव कराइए, लेकिन यह पहले ही स्पष्ट कर दिया गया है कि यह रिट याचिका के परिणाम पर निर्भर करेगा।” उन्होंने चेतावनी दी कि यदि चुनाव राष्ट्रीय खेल संहिता या कानून के विरुद्ध पाए गए तो अदालत हस्तक्षेप करेगी। अदालत ने यह भी कहा, “खेल अब खेल नहीं रहे, यह वास्तव में राजनीति है।”

याचिकाकर्ताओं ने बीएफआई के फैसलों को रद्द करने की मांग की है। उनका कहना है कि महासंघ ने 18 मई को अवैध रूप से नया संविधान लागू किया, 31 जुलाई को अल्ट्रा वायर्स चुनाव अधिसूचना जारी की और एकतरफा तरीके से रिटर्निंग ऑफिसर नियुक्त कर दिया। उनका तर्क है कि ये कदम भारत में खेल संगठनों की शासन व्यवस्था के ढांचे का उल्लंघन करते हैं।
इससे पहले, दिल्ली एमेच्योर बॉक्सिंग फेडरेशन ने भी हाईकोर्ट का रुख किया था और बीएफआई की चुनाव अधिसूचना को चुनौती दी थी। अदालत ने अब इस मामले की अंतिम सुनवाई के लिए 23 सितंबर की तारीख तय की है।
बीएफआई के पूर्व पदाधिकारियों का कार्यकाल 2 फरवरी को समाप्त हो गया था। चुनाव मूल रूप से 28 मार्च को होने थे, लेकिन कानूनी विवादों और अपीलों के चलते स्थगित हो गए। चुनाव अधिकारी और दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश आर.के. गौबा ने अप्रैल में अपने खिलाफ चलाए जा रहे दुष्प्रचार अभियान का हवाला देते हुए पद से इस्तीफ़ा दे दिया।
इसके बाद, अंतरराष्ट्रीय निकाय वर्ल्ड बॉक्सिंग ने अप्रैल में बीएफआई का प्रबंधन संभालने के लिए एक अंतरिम समिति नियुक्त की और 31 अगस्त तक चुनाव कराने की समयसीमा तय की।
अब जबकि हाईकोर्ट ने चुनाव की अनुमति दे दी है लेकिन मामला अदालत में विचाराधीन है, 21 अगस्त को होने वाले चुनावों का अंतिम नतीजा अगले महीने अदालत के निर्णय पर निर्भर करेगा।