दिल्ली में ओवरएज वाहनों पर ईंधन प्रतिबंध लागू: पहले दिन 80 वाहन जब्त, दिल्ली हाईकोर्ट की निगरानी जारी

दिल्ली में वायु प्रदूषण पर काबू पाने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए मंगलवार से राजधानी में ओवरएज यानी एंड-ऑफ-लाइफ (EoL) वाहनों पर ईंधन भरवाने पर सख्त प्रतिबंध लागू कर दिया गया। अभियान के पहले ही दिन 80 वाहन जब्त किए गए। यह कार्रवाई दिल्ली हाईकोर्ट की निगरानी में की जा रही है, जिसने प्रदूषण नियंत्रण के उपायों को कड़ाई से लागू करने के निर्देश दिए हैं।

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) के आदेशों के अनुसार, अब पेट्रोल पंपों पर 10 साल से पुराने डीजल वाहनों और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों में ईंधन नहीं डाला जाएगा। यह नियम सुप्रीम कोर्ट के 2018 और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के 2014 के आदेशों के अनुरूप है।

कार्रवाई को प्रभावी बनाने के लिए परिवहन विभाग, दिल्ली पुलिस, ट्रैफिक पुलिस और नगर निगम (MCD) की संयुक्त टीमें तैनात की गईं। अधिकारियों के मुताबिक, निगरानी कैमरों की मदद से 98 वाहनों की पहचान हुई, जिनमें से 80 को जब्त किया गया — 45 परिवहन विभाग द्वारा, 34 दिल्ली पुलिस द्वारा और 1 वाहन MCD द्वारा।

Video thumbnail

रोहिणी, मोती बाग, धौला कुआं और लुटियन्स दिल्ली जैसे कई क्षेत्रों के पेट्रोल पंपों ने बताया कि प्रतिबंध को बिना किसी बड़ी परेशानी के लागू किया गया। भाई वीर सिंह मार्ग के पास एक पेट्रोल पंप पर दो वाहन बिना विरोध के जब्त किए गए।

READ ALSO  राष्ट्रपति मुर्मू और पीएम मोदी ने कानूनी दिग्गज फली नरीमन के निधन पर श्रद्धांजलि दी

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के विशेष आयुक्त अजय चौधरी ने बताया कि यह अभियान वायु प्रदूषण को कम करने की एक व्यापक रणनीति का हिस्सा है। उन्होंने कहा, “यह अभियान लगातार जारी रहेगा। 1 नवंबर से दिल्ली से सटे क्षेत्रों में भी ओवरएज वाहनों को ईंधन देने पर रोक लागू की जाएगी।”

उन्होंने यह भी बताया कि जब्त किए गए वाहनों के मालिक 15 दिनों के भीतर जुर्माना भरकर और दिल्ली से बाहर वाहन रजिस्ट्रेशन के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) लेकर वाहन वापस ले सकते हैं।

READ ALSO  सुप्रीम कोर्ट ने गुरु नानक से जुड़े मठ के डेमोलिशन पर अवमानना ​​कार्यवाही शुरू करने से इंकार कर दिया

पेट्रोल पंपों पर ओवरएज वाहनों की पहचान के लिए ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर (ANPR) कैमरे लगाए गए हैं। हालांकि, कुछ तकनीकी गड़बड़ियों की भी सूचना मिली। एक मामला पूसा रोड स्थित पेट्रोल पंप का सामने आया, जहां एक पेट्रोल कार को ओवरएज समझकर रोका गया, लेकिन बाद में जांच में पता चला कि उसकी रजिस्ट्रेशन वैध है और 2028 तक मान्य है।

विकास पुरी के एक पेट्रोल पंप पर एक ओवरएज पेट्रोल वाहन को ईंधन देने से मना कर दिया गया, लेकिन चालक ने सीएनजी भरवाने का विकल्प चुना, जो मौजूदा दिशा-निर्देशों के अनुसार वैध है, क्योंकि सीएनजी चालित वाहनों को इस प्रतिबंध से छूट दी गई है।

READ ALSO  धारा 203 CrPC: "पर्याप्त आधार" का अर्थ है प्रथम दृष्टया संतुष्टि, दोषसिद्धि के लिए संतुष्टि नहीं, इलाहाबाद हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट इससे पहले भी प्रशासन को ओवरएज वाहनों पर कार्रवाई में लापरवाही को लेकर फटकार लगा चुका है। मंगलवार की कार्रवाई इस दिशा में एक निर्णायक कदम के रूप में देखी जा रही है, जो न्यायपालिका की अपेक्षाओं और जनस्वास्थ्य की प्राथमिकताओं के अनुरूप है।

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles