दिल्ली की एक अदालत 24 अप्रैल को इस बात पर विचार करेगी कि उत्पाद नीति घोटाला मामले में तीन व्यक्तियों और पांच कंपनियों को नामजद करने वाले प्रवर्तन निदेशालय के दूसरे पूरक आरोपपत्र पर संज्ञान लिया जाए या नहीं।
इस मामले में आप के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने शनिवार को राघव मगुन्टा, राजेश जोशी और गौतम मल्होत्रा और पांच कंपनियों, विशेष लोक अभियोजक नवीन कुमार मट्टा के खिलाफ ईडी की दूसरी पूरक अभियोजन शिकायत (ईडी के चार्जशीट के बराबर) के संज्ञान के बिंदु पर बहस के लिए 24 अप्रैल की तारीख तय की। अदालत को बताया।
उन्होंने अदालत को सूचित किया कि ईसीआईआर (एफआईआर का ईडी संस्करण) में नामित अभियुक्तों और विभिन्न आरोपों में अन्य व्यक्तियों की भूमिका का पता लगाने के लिए आगे की जांच जारी है।
सिसोदिया को गिरफ्तार करने वाली एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग एजेंसी ने अभी तक उन्हें चार्जशीट नहीं किया है।
एजेंसी ने करीब 2000 पन्नों की अपनी चार्जशीट में गवाहों और आरोपी व्यक्तियों के बयान के साथ-साथ ई-मेल और अन्य डेटा को भी शामिल किया है।
सिसोदिया की जमानत अर्जी पर जिरह के दौरान ईडी ने अदालत से कहा कि जांच अहम चरण में है और उसे सिसोदिया की मिलीभगत के नए सबूत मिले हैं।
अदालत 18 अप्रैल को सिसोदिया की जमानत याचिका पर आगे की दलीलें सुनेगी।
अदालत ने इससे पहले कथित आबकारी घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी थी, जिसकी जांच सीबीआई कर रही है।