आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व संचार प्रभारी विजय नायर को कथित दिल्ली आबकारी घोटाले से जुड़े मामलों में शामिल होने के बाद मंगलवार को दिल्ली की एक अदालत से रिहाई का आदेश मिला। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज धन शोधन मामले और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार मामले दोनों में नायर द्वारा आवश्यक जमानत बांड जमा करने के बाद विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने रिहाई प्रदान की।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को धन शोधन मामले में नायर को जमानत देते हुए रेखांकित किया था कि स्वतंत्रता “पवित्र” है। यह निर्णय तब आया जब नायर को 14 नवंबर, 2022 को एक निचली अदालत द्वारा भ्रष्टाचार मामले में जमानत दी जा चुकी थी। निचली अदालत के फैसले में कहा गया कि सीबीआई की प्राथमिकी (एफआईआर) में नायर और सह-आरोपी बोइनपल्ली द्वारा किए गए किसी भी ठोस अपराध का उल्लेख नहीं किया गया था, बल्कि उन्हें केवल एक आपराधिक साजिश के हिस्से के रूप में आरोपित किया गया था।
भ्रष्टाचार के मामले में नायर की शुरुआती जमानत के बाद उन्हें तुरंत रिहा नहीं किया जा सका क्योंकि उन्होंने उस समय जमानत बांड नहीं भरा था। हालांकि, हाल ही में हुई अदालती कार्यवाही ने इन औपचारिकताओं को सुलझा लिया है, जिसके चलते उन्हें ट्रायल और सुप्रीम कोर्ट दोनों द्वारा निर्धारित शर्तों के तहत रिहा किया जा रहा है।