दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को रेड फ़ोर्ट ब्लास्ट मामले में आरोपी आमिर राशिद अली की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की हिरासत सात दिन के लिए और बढ़ा दी।
आमिर, जो जम्मू-कश्मीर का निवासी है, को मंगलवार को प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज अंजु बजाज चाँदना के समक्ष पेश किया गया, जिसके बाद अदालत ने NIA की आगे की पूछताछ के लिए कस्टडी बढ़ाने की मांग स्वीकार की। उसे 2 दिसंबर को पहली बार सात दिन की NIA कस्टडी में भेजा गया था।
NIA अब तक इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। यह मामला उस “व्हाइट कॉलर” टेरर मॉड्यूल से जुड़ा है जिसे जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उजागर किया था।
10 नवंबर को दिल्ली में रेड फ़ोर्ट के पास एक Hyundai i20 कार में IED धमाका हुआ था, जिसमें 15 लोगों की मौत हो गई और दो दर्जन से अधिक लोग घायल हुए थे।
धमाके के समय कार चला रहा व्यक्ति उमर उन नबी था, जो फारिदाबाद स्थित अल फला यूनिवर्सिटी के जनरल मेडिसिन विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर था। NIA ने पुष्टि की कि धमाके में उसकी मौत हुई और वह जम्मू-कश्मीर के पुलवामा का निवासी था।
जांच में सामने आया कि धमाके में इस्तेमाल कार आमिर राशिद अली के नाम पर रजिस्टर्ड थी।
NIA के अनुसार,
“आमिर दिल्ली आया था ताकि उस कार की खरीदारी करवाई जा सके, जिसका बाद में वाहन आधारित इम्प्रोवाइज़्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस के रूप में उपयोग कर धमाका किया गया।”
NIA ने उमर की एक दूसरी कार भी जब्त की है, जिसको सबूतों के लिए जांचा जा रहा है।
NIA अब तक 73 गवाहों के बयान दर्ज कर चुकी है, जिनमें धमाके में घायल व्यक्ति भी शामिल हैं। एजेंसी ने अदालत को बताया कि साजिश, फंडिंग और लॉजिस्टिक सपोर्ट से जुड़े पहलुओं को उजागर करने के लिए आरोपी से आगे पूछताछ जरूरी है।

