कोर्ट ने आबकारी नीति मामले में सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ आरोपपत्र पर संज्ञान लिया

विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा की अगुवाई वाली दिल्ली की एक अदालत ने कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आप विधायक दुर्गेश पाठक समेत अन्य के खिलाफ दायर आरोपपत्र पर संज्ञान लिया है। अदालत को मामले को आगे बढ़ाने के लिए पर्याप्त सबूत मिले हैं।

मंगलवार को कार्यवाही के दौरान न्यायाधीश बावेजा ने मुख्यमंत्री केजरीवाल के लिए प्रोडक्शन वारंट जारी किया और विधायक दुर्गेश पाठक को 11 सितंबर को अदालत में पेश होने के लिए बुलाया। आरोपपत्र में भ्रष्टाचार के आरोपों में सह-आरोपी के रूप में विनोद चौहान, आशीष माथुर और सरथ रेड्डी का भी नाम है।

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केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई), जिसने पूरक आरोपपत्र प्रस्तुत किया, ने कहा कि उसने केजरीवाल और पाठक पर मुकदमा चलाने के लिए पिछले महीने आवश्यक मंजूरी प्राप्त कर ली थी। ये मंजूरी सार्वजनिक अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने के लिए एक प्रक्रियात्मक आवश्यकता है। सीबीआई को पहले आरोपियों की जांच करने की मंजूरी मिल गई थी, जिससे इस महत्वपूर्ण न्यायिक विकास का मार्ग प्रशस्त हुआ।

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यह मामला आबकारी नीति के निर्माण और क्रियान्वयन में अनियमितताओं और भ्रष्ट आचरण के आरोपों से उपजा है। आरोपों की खासियतों में कथित हेरफेर और वित्तीय विसंगतियां शामिल हैं जिनका उद्देश्य सार्वजनिक धन की कीमत पर शराब के कारोबार में कुछ हितधारकों को लाभ पहुंचाना है।

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