इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि ई-नीलामी के समय यदि कोई देय बाकी नहीं है और बाद में पेनाल्टी लगाई जाती है तो ई-नीलामी प्रक्रिया प्रभावित नहीं होगी।
कोर्ट ने मिर्जापुर की चुनार तहसील के बसारतपुर गांव में गंगा नदी में बालू, मोरंग, बजरी खनन ठेका जारी करने तथा दो हफ्ते में अन्य औपचारिकताएं पूरी करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति एस पी केसरवानी तथा न्यायमूर्ति अनीस कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने मेसर्स हर्ष कांस्ट्रक्शन कंपनी की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है।
याची का कहना था कि उसकी ई-नीलामी में सर्वोच्च बोली स्वीकार की गई। किंतु कार्य आदेश जारी नहीं किया गया तो याचिका दायर की। सरकारी वकील ने बताया कि याची के खिलाफ जिलाधिकारी मिर्जापुर ने बकाया रहने के कारण 32,21,010 रूपए पेनाल्टी लगाई है। नियमानुसार जिस पर बकाया है वह ई-नीलामी प्रक्रिया में शामिल नहीं हो सकता।
कोर्ट ने पूछा क्या नीलामी के समय बकाया था उस पर जवाब नहीं मिला। याची ने कहा यह कार्यवाही बाद में की गई, जिसमें पेनाल्टी लगी है। जिस पर कोर्ट ने ई-नीलामी का ठेका जारी करने का निर्देश दिया है।
हिन्दुस्थान समाचार