कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (CLAT) के अभ्यर्थियों को बड़ी राहत देते हुए, दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज़ (CNLUs) के कंसोर्टियम को आदेश दिया कि वे CLAT UG-2025 की मार्कशीट में संशोधन करें और अंतिम परिणाम चार सप्ताह के भीतर पुनः प्रकाशित करें।
मुख्य न्यायाधीश डी. के. उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने याचिकाकर्ताओं द्वारा प्रश्नपत्र में उठाई गई कुछ आपत्तियों को स्वीकार करते हुए यह निर्देश दिया, हालांकि कुछ आपत्तियों को खारिज भी किया गया। विस्तृत आदेश आना अभी बाकी है।
यह आदेश उन याचिकाओं के जवाब में आया है जिन्हें उन छात्रों ने दाखिल किया था जिन्होंने 1 दिसंबर 2024 को हुई इस राष्ट्रीय स्तरीय प्रवेश परीक्षा में भाग लिया था और जिन्होंने कुछ सवालों की सटीकता और स्पष्टता पर सवाल उठाए थे। परिणाम 7 दिसंबर 2024 को घोषित किए गए थे।

हाईकोर्ट ने इस मामले पर 9 अप्रैल को सुनवाई पूरी की थी, जिसमें याचिकाकर्ताओं के वकीलों और कंसोर्टियम की ओर से पेश अधिवक्ताओं की दलीलें सुनी गई थीं। हालांकि, कोर्ट को अब CLAT PG-2025 से संबंधित प्रश्नों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करनी बाकी है।
इससे पहले देशभर के विभिन्न हाईकोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई थीं, जिन्हें लेकर 6 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने सभी मामलों को दिल्ली हाईकोर्ट में स्थानांतरित करने का आदेश दिया था, ताकि एकरूप और संगत निर्णय हो सके। यह स्थानांतरण कंसोर्टियम की मांग पर किया गया था ताकि विभिन्न कोर्टों से परस्पर विरोधी निर्णय न आएं।
CLAT भारत के नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज़ (NLUs) में पांच वर्षीय एकीकृत LLB और स्नातकोत्तर LLM कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए प्रमुख परीक्षा है।