वह अभी भी जस्टिस यशवंत वर्मा हैं, आपके दोस्त नहीं!: CJI गवई ने वकील द्वारा ‘वर्मा’ कहकर संबोधित करने पर आपत्ति जताई

सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को उस वक्त तीखी नोकझोंक देखने को मिली जब भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बी. आर. गवई ने एडवोकेट मैथ्यूज जे. नेडुमपारा को जस्टिस यशवंत वर्मा को सिर्फ “वर्मा” कहकर संबोधित करने पर फटकार लगाई।

नेडुमपारा ने तत्काल सुनवाई के लिए अपनी याचिका का उल्लेख किया था, जिसमें जस्टिस वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है। बता दें कि जस्टिस वर्मा उस विवाद में फंसे हुए हैं जिसमें उनके सरकारी आवास पर नकदी मिलने की बात सामने आई है। यह इस मामले में नेडुमपारा की तीसरी याचिका है।

READ ALSO  Speculator Investor or Homebuyer? Supreme Court Defines the Difference Under IBC

सुनवाई के दौरान नेडुमपारा ने कहा, “अब वर्मा साहब खुद यही चाहते हैं। एफआईआर होनी चाहिए, जांच होनी चाहिए।” इस पर CJI गवई ने तुरंत टोका और आपत्ति जताई।

Video thumbnail

CJI ने कहा, “क्या वो आपके दोस्त हैं? वह अभी भी जस्टिस वर्मा हैं। आप उन्हें कैसे संबोधित कर रहे हैं? थोड़ी शिष्टता रखिए। आप एक माननीय जज की बात कर रहे हैं। वह अभी भी इस अदालत के जज हैं।”

नेडुमपारा ने जवाब दिया, “मुझे नहीं लगता कि उनके लिए कोई महानता लागू होती है। मामला लिस्ट होना चाहिए।” इस पर CJI गवई ने सख्ती से कहा, “कोर्ट को मत सिखाइए।”

READ ALSO  सुप्रीम कोर्ट 10 अप्रैल को बिहार YouTuber की याचिका पर सुनवाई करेगा जिसमें एफआईआर को क्लब करने की मांग की गई है

गौरतलब है कि नेडुमपारा की पहली याचिका मार्च में दायर हुई थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि इन-हाउस जांच जारी है। इसके बाद, जब तत्कालीन CJI संजीव खन्ना ने इन-हाउस रिपोर्ट राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भेजी, तो नेडुमपारा ने एक और याचिका दायर की, जिसे मई में यह कहते हुए निपटा दिया गया कि पहले केंद्र सरकार के समक्ष एफआईआर के लिए प्रयास किया जाए।

READ ALSO  सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: अवैध कब्जे पर ही अधिग्रहण से पहले किराये या हर्जाने का भुगतान होगा
Ad 20- WhatsApp Banner

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles